रासलीला जीव एवं परमात्मा का मिलन : अतुल कृष्ण पांचवे दिन भी जारी रहा श्रीमद्भागवत कथा
बाराबंकी । आदर्श नगर पंचायत टिकैतनगर के गल्ला स्टोर में चल रही कथा के षष्टम दिन में कथा व्यास अतुल कृष्ण भारद्वाज ने श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दौरान श्रद्धालुओं के समक्ष भगवान श्री कृष्ण लीला प्रसंग को बड़े ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया जिसे सुनकर श्रद्धालुजन राधा कृष्ण की भक्ति में डूब गए व्यास जी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा की गईं रासलीला एवं परमात्मा के मिलन का रास्ता दिखाती है गोपी यानी जीवात्मा कृष्ण अर्थात ईश्वर परमात्मा ने रास रचाया काम को पराजित करने की लीला समझ ली एवं परमात्मा का मिलन है हम परमात्मा को चाहते हैं परंतु अपने चारों ओर अनेक प्रकार के आडंबर को फैलाए रखते हैं यदि ईश्वर को जानना अथवा पाना है तो सबसे पहले अपने आप को जानना पड़ेगा और अपने ऊपर पड़े हुए मौके पर देको हटाना पड़ेगा व्यास जी ने कहा कि कृष्ण गोपी ईश्वर और गोपीयो के जीवन के ऊपर पड़े अज्ञान व मोह के पर्दे को चीर हरण रूपी लीला हटाते हैं गोपी यानि जीव कृष्ण यानि परमात्मा वस्त्र यानी अविद्या कोई लाल हरे एवं पीले वस्त्रों को नहीं चुराया बल्कि जल में नंग होकर स्नान करने से वरुण देवता का अपमान होता है इसीलिए वस्तु को चुराया अर्थात चीर हरण हुआ उस समय भगवान श्री कृष्ण की अवस्था 5 वर्ष की थी अर्थात 5 वर्ष के बालक में कोई कामवासना नहीं होती भगवान ने कहा कि इसी बात को हमें समझाना है जब तुम नहीं समझ सकोगे और ना देख सकोगे मैं तुम्हें सबके सर्वत्र व्याप्त हूं आवश्यकता है तो अपने भीतर के चक्षुओं को खोलकर देखने की रासलीला वास्तव में जीव एवं परमात्मा के मिलन की एक आध्यात्मिक यात्रा है जिस पर चलकर असीमा शांति एवं आनंद का अनुभव प्राप्त होता है कृष्ण कंस रूपी अभिमान को मारा अभिमान रूपी कंस की दो पत्नी आस्ती अर्थात प्राप्ति माने होगा। रुकमणी साक्षात लक्ष्मी कृष्ण साक्षात नारायण भगवान ने रुक्मणी का हरण करके उसके भाई रुक्मणी को ब्रम्ह होने का प्रमाण दिया भीस्मक दर्शन करके अपने कन्या रुक्मणी का विवाह श्री कृष्ण से किया अर्थात लक्ष्मी नारायण का पुन: मिलन हुआ इस अवसर पर चंदन गुप्ता,लवकुश यज्ञसेनी, रामकुमार यज्ञसेनी, आलोक यज्ञसेनी,अम्बुज यज्ञसेनी, नितिन यज्ञसेनी, अंकित यज्ञसेनी,बिजेन्द्र यज्ञसेनी आदि लोग कोविड19 की गाइडलाइंस के अनुसार उपस्थित रहे।