राष्ट्रीय : तीनों सेनाओं को मिले 21 महिलाओं समेत 110 चिकित्सा अधिकारी
– मेडिकल कैडेट्स को सशस्त्र बल की मेडिकल सेवाओं में शामिल किया गया
– उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए ट्राफियां, पदक और पुरस्कार भी प्रदान किए
सुनीत निगम
नई दिल्ली (हि.स.)। सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी) के 55वें (सी3) बैच की 21 महिला कैडेट्स समेत 110 मेडिकल कैडेट्स शनिवार को चिकित्सा अधिकारी के रूप में तीनों सेनाओं का हिस्सा बन गए। 94 कैडेटों को भारतीय सेना, 10 को भारतीय वायु सेना में और छह कैडेट्स को भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया। इन चिकित्सा अधिकारियों को एएफएमसी के कर्नल (प्रशिक्षण) कर्नल एके शाक्य ने भारत के संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ दिलाई।
अपने कमीशनिंग संबोधन में एएफएमसी के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल नरदीप नैथानी ने नए कमीशंड अधिकारियों को एएफएमएस में शामिल होने के लिए बधाई दी। उन्होंने इन कैडेट्स की सफलता के लिए उनके अभिभावकों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सी3 बैच को 2016 में एएफएमसी में प्रवेश मिला था जिसने 100 प्रतिशत सफलता के साथ स्नातक उत्तीर्ण किया है। यह अपने आप में एएफएमसी के शिक्षकों के प्रति सर्वश्रेष्ठ सम्मान है। कमांडेंट ने पूरे बैच को याद दिलाया कि वे ऐसे समय में चिकित्सा के पेशे से जुड़ रहे हैं जब देश कोविड के मुश्किल दौर से गुजर रहा है।
उन्होंने आह्वान किया कि वे कोविड रोगियों की सर्वोत्तम संभव देखभाल करने के लिए प्रशिक्षण के दौरान मिले अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग करें क्योंकि वे कोविड योद्धाओं के रूप में राष्ट्र की लड़ाई में शामिल हो रहे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल नरदीप नैथानी ने विश्वास व्यक्त किया कि नए कमीशन प्राप्त चिकित्सा अधिकारी हमेशा वरिष्ठ सैन्य डॉक्टरों की अपेक्षाओं के उच्चतम मानकों पर खरा उतरेंगे।कोविड-19 से उत्पन्न हालात के मद्देनजर इस बार 1982 के बाद से पहली बार पासिंग आउट परेड का आयोजन नहीं किया गया।
एएफएमसी के इस स्नातक बैच को कमीशन किए जाने की अवधि अब केवल दो सप्ताह कर दी गई है जो पहले चार से पांच सप्ताह हुआ करती थी। इन युवा डॉक्टरों को कोविड केयर सेंटर में काम करने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। मेडिकल कैडेट्स ने अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) सर्टिफाइड कोर्स इन बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) और एडवांस्ड कार्डियक लाइफ सपोर्ट (एसीएलएस) को भी पूरा किया है। कमीशन प्राप्त चिकित्सा अधिकारी देश भर के उन 31 एएफएमएस अस्पतालों में प्रशिक्षु के रूप में शामिल होने के लिए फौरन रवाना होंगे, जिन्हें सशस्त्र बलों के कर्मियों के साथ-साथ नागरिकों की कोविड देखभाल के लिए भी नामित किया गया है।लेफ्टिनेंट जनरल नरदीप नैथानी स्वयं इसी कॉलेज के 17वें (क्यू) बैच के छात्र रहे हैं। उन्होंने उत्कृष्ट उपलब्धियों और सर्वांगीण प्रदर्शन के लिए मेडिकल कैडेट्स को ट्राफियां, पदक और पुरस्कार भी प्रदान किए। सर्वश्रेष्ठ ऑल राउंड ग्रेजुएशन कैडेट के साथ-साथ एमबीबीएस कोर्स के दौरान सर्वश्रेष्ठ अकादमिक रिकॉर्ड के लिए मेडिकल कैडेट विनीता रेड्डी को कलिंग ट्रॉफी और राष्ट्रपति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। कॉलेज कैडेट के कैप्टन मेडिकल कैडेट सुयश सिंह ने दूसरे स्थान पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए मेजर जनरल एनडीपी करणी ट्राफी प्राप्त की। महिला कैडेट निकिता दत्ता को एमबीबीएस की अंतिम वर्ष की परीक्षा में टॉप करने के लिए लेफ्टिनेंट जनरल थापर गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया।