रावण की ससुराल में भी गूंजेगा जय श्रीराम का जयघोष
मेरठ (हि.स.)। अयोध्या धाम में 22 जनवरी को श्रीराम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी। पूरे देश में इसे भव्य प्रकार से मनाया जा रहा है। लंकापति रावण की ससुराल मेरठ में भी जय श्रीराम का जयघोष गूंजेगा। मेरठ में सभी मंदिरों को सजाने का कार्य किया जा रहा है। इस दिन अखंड रामायण पाठ, हनुमान चालीसा के पाठ होंगे।
मेरठ का प्राचीन नाम मयराष्ट्र है। इसे मय दानव की नगरी कहा जाता है। मेरठ शहर के कोतवाली स्थित टीले को मय दानव का खेड़ा कहा जाता है। इतिहासकारों के अनुसार, मय दानव की पुत्री मंदोदरी का विवाह लंकापति रावण के साथ हुआ। कोतवाली के टीले पर स्थित महल से मंदोदरी प्रतिदिन सदर स्थित बिल्वेश्वर महादेव मंदिर में पूजा करने जाती थी। इस मंदिर का ऐतिहासिक महत्व है। मंदोदरी सूरजकुंड स्थित सरोवर में भी स्नान करने जाती थी। ससुराल होने के कारण रावण का मेरठ में भी आना-जाना था।
भव्य तरीके से मनाया जाएगा उत्सव
22 जनवरी को अयोध्या धाम में श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके लिए मेरठ के मंदिरों को भी भव्य तरीके से सजाया जा रहा है। कैंट स्थित औघड़नाथ मंदिर, श्री बिल्वेश्वर नाथ महादेव मंदिर सदर, श्री सिद्धपीठ हनुमान मंदिर बुढ़ाना गेट, धर्म धर्मेश्वर मंदिर बुढ़ाना गेट, बाबा कालेश्वर मंदिर, बाबा मनोहर नाथ मंदिर सूरजकुंड, मां मंशा देवी मंदिर जागृति विहार, चंडी देवी मंदिर नौचंदी, श्री पांडवेश्वर महादेव मंदिर हस्तिनापुर, राज राजेश्वर त्रिपुर सुंदरी मंदिर सम्राट पैलेस आदि को रंग-बिरंगे ढंग से सजाया जा रहा है। इन मंदिरों में अखंड रामायण पाठ, हनुमान चालीसा का पाठ कराया जा रहा है।
घर-घर जाकर बांटा जा रहा अक्षत
अयोध्या धाम से पूजित अक्षत को घर-घर जाकर बांटा जा रहा है। आरएसएस के स्वयंसेवक विकेश चौधरी के अनुसार, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा को ऑनलाइन देखने का न्यौता घर-घर जाकर स्वयंसेवक दे रहे हैं। इसके साथ ही अयोध्या से पूजित अक्षत का भी वितरण किया जा रहा हैं। इससे लोग खुद को 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव से जुड़ा हुआ पा रहे हैं। लोगों का उत्सव इतना है कि 22 जनवरी के बाद अधिकांश लोगों ने अयोध्या धाम मेें श्रीराम मंदिर के दर्शन करने का संकल्प लिया हुआ है।
डॉ. कुलदीप/राजेश