रायबरेली में नेत्र चिकित्सक ने पत्नी और दो बच्चों को मारकर की आत्महत्या
– मानसिक अवसाद में दिया घटना को अंजाम
रायबरेली (हि.स.)। जनपद के एक नेत्र चिकित्सक ने पत्नी और दो बच्चों को मौत के घाट उतारने के बाद खुदकुशी कर ली। इस दिल दहला देने वाली घटना के सामने आते ही पुलिस विभाग में हड़कम्प मच गया और जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी अन्य पुलिस कर्मियों के साथ मौके पर पहुंच गए। फोरेंसिक टीम ने जाँच पड़ताल की। बताया जा रहा है चिकित्सक मानसिक रूप से परेशान थे, जिसके कारण उसके द्वारा यह कदम उठाया।
जिले के मार्डन रेल कोच फैक्ट्री में 2017 बैच के असिस्टेंट डिवीजन मेडिकल ऑफिसर (आई स्पेशलिस्ट) डॉ अरुण सिंह अपने परिवार के साथ रह रहे थे। इन दिनों डॉक्टर डिप्रेशन की बीमारी से ग्रस्त थे। मौत से पहले कई तरह के इंजेक्शन लेने की बात सामने आई है। प्रथम दृष्टया बच्चों को नशे की कुछ चीजें खिलाकर बेहोश किया गया। जिसके बाद उनके सिर पर प्रहार करके मारा गया। फिर डॉक्टर द्वारा अपनी नशों को काटने का भी प्रयास किया गया। सफल न होने पर बाद में डॉक्टर ने कुर्सी की मदद से खुद को फांसी लगा ली। मौके पर 2 बच्चों के साथ साथ डॉक्टर की पत्नी का शव भी बरामद हुआ हैं। बच्चों में एक लड़की है, जिसकी उम्र 12 वर्ष है। तो वहीं लड़के की उम्र 4 साल बताई जा रही है। पुलिस ने घर का दरवाजा तोड़ कर अंदर प्रवेश किया। पुलिस द्वारा बताया जा रहा है कि कई दिनों से उक्त चिकित्सक अस्पताल नहीं गए और ना ही किसी प्रकार का संपर्क हो पा रहा था। जिसकी सूचना पुलिस को दी गई और पुलिस मौके पर पहुंचकर आवास का दरवाज़ा तोड़कर दाखिल हुई तो इस दिल दहला देने वाली घटना की जानकारी हुई। फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मौत का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही लग पाएगा।
पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि मृतकों में डॉ. अरुण सिंह पुत्र कैलाश सिंह, पत्नी-अर्चना सिंह, पुत्री अदिवा (12), पुत्र आरव (4) हैं। चिकित्सक जनपद मिर्जापुर के थाना अहरौरा के फरदहा गांव के निवासी थे। उन्होंने बताया कि चिकित्सक मानसिक अवसाद में थे, उन्होंने पत्नी और बच्चों को मारकर आत्महत्या करने की प्रथमदृष्टया जानकारी सामने आई है। सभी पहलुओं से जांच की जा रही है।
रजनीश/मोहित