राम जन्मभूमि आंदोलन : प्रांत प्रचारक ने 51 कारसेवकों का किया सम्मान

कानपुर। राम जन्मभूमि हिन्दुओं की आस्था का प्रतीक है और इसी के चलते हिन्दुओं ने राम मंदिर आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिये, क्योंकि यह आंदोलन हिन्दू अस्मिता का विराट स्वरुप था। यह बातें मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कानपुर प्रांत के प्रांत प्रचारक श्रीराम जी ने राम मंदिर आंदोलन से जुड़े 51 कारसेवकों को सम्मानित करते हुए कही। 
अशोक सिंघल स्मृति अग्रणी कारसेवक सम्मान समारोह का आयोजन कोविड नियमों का पालन करते हुए मंगलवार को ज्ञान भारती बालिका इंटर कॉलेज में किया गया। यहां पर मुख्य अतिथि के रूप में आरएसएस के प्रांत प्रचारक श्रीराम जी ने शिरकत की। इस दौरान उन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन संघर्ष के दौरान कारसेवकों के इस संघर्ष को याद करते हुए 51 कारसेवकों का स्मृति चिन्ह और माल्यार्पण करते हुए उनका सम्मान किया। प्रांत प्रचारक श्रीराम जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह आंदोलन हिंदू अस्मिता का विराट स्वरूप था और सम्पूर्ण हिंदू समाज इस आंदोलन से जुड़ गया था। घर-घर के लोगों ने राम जन्मभूमि मंदिर में लगने वाली ईटों का पूजन करके उसे अयोध्या भेजा था और इस आंदोलन को जारी रखने में इन कारसेवकों के संघर्ष को नहीं भुलाया जा सकता है। जिन्होंने लाठियां भी खाई और कारागार में भी रहे, लेकिन आंदोलन की अलख नहीं बुझने दी। आज संपूर्ण हिंदू समाज को वह सौगात मिल चुकी है। मंदिर के निर्माण का शिलान्यास भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जा चुका है। उन्होंने इस पूरे आंदोलन के लिए स्वर्गीय अशोक सिंघल को याद करते हुए इस आंदोलन के लिए उनका अभूतपूर्व योगदान बताया जो सदैव इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा। कार्यक्रम में कारसेवक विनीत पांडेय, विनोद शुक्ला, बउवा पांडे आदि को सम्मानित किया गया।

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