राज्य के हड़ताली बिजली कर्मचारियों को नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी का समर्थन
29 से शुरू होगा तीन घंटे का कार्य वहिष्कार, पांच अक्टूबर को होगा वृहद धरना प्रदर्शन
जानकी शरण द्विवेदी
गोण्डा। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में राज्य भर में चल रहे बिजली कर्मचारियों के संघर्ष में देश भर के अधिकारी, कर्मचारी कूद पड़े हैं। उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारी 29 सितम्बर से तीन घण्टे का कार्य वहिष्कार शुरू करेंगे तथा पांच अक्टूबर को पूरे दिन का धरना प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। इस आन्दोलन में देश भर के 15 लाख बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता शामिल होंगे।
यह जानकारी देते हुए इं. रामा जी ने बताया कि बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाइज एंड इंजिनियर्स (एनसीसीओईईई) की वार्षिक बैठक में निर्णय लिया गया है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में चल रहे संघर्ष में देश के सभी प्रांतों के 15 लाख बिजली कर्मचारियों की पूरी एकजुटता उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों के साथ है। बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार, पांच अक्टूबर को जब उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों का पूरे दिन का कार्य बहिष्कार शुरू होगा, तब उनके समर्थन में देश के सभी प्रांतों के 15 लाख बिजली कर्मी विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने बताया कि सोमवार को शहीद ए आजम भगत सिंह के जन्मदिन पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के आवाहन पर राज्य के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर व अभियंताओं द्वारा राजधानी लखनऊ सहित सभी 75 जनपदों और परियोजनाओं पर मशाल जुलूस निकाला गया। निजीकरण के विरोध में एकजुटता का परिचय देते हुए नारेबाजी की गई और जनता को अवगत कराया गया कि निजीकरण किसी प्रकार से उनके हित में नहीं है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों एके कुशवाहा, परमानंद पाण्डेय, पवन कुमार, तारकेश्वर गुप्ता, रत्नेश गुप्ता, दुर्गेश श्रीवास्तव, राम कृपाल यादव, संजय सिंह ने बताया कि बिजली कर्मी 29 सितम्बर से तीन घंटे का कार्य बहिष्कार करेंगे। संघर्ष समिति द्वारा सरकार और प्रबंधन को भेजी गई नोटिस में कहा गया है कि यदि निजीकरण का प्रस्ताव निरस्त किया गया तो पांच अक्टूबर से बिजली कर्मी पूरे दिन का कार्य बहिष्कार करेंगे। संघर्ष समिति ने मशाल जुलुस में सम्मिलित होने के लिए आम जनता से अपील करते हुए कहा है कि पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण किसी भी प्रकार से प्रदेश व आम जनता के हित में नहीं है। निजी कंपनी मुनाफे के लिए काम करती हैं, जबकि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम बिना भेदभाव के किसानों और गरीब उपभोक्ताओं को निर्वाध बिजली आपूर्ति कर रहा है। निजी कम्पनी अधिक राजस्व वाले वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को प्राथमिकता पर बिजली देगी, जो ग्रेटर नोएडा और आगरा में हो रही है। निजी कम्पनी लागत से कम मूल्य पर किसी भी उपभोक्ता को बिजली नहीं देगी।