रमजान के आते ही मुस्लिम लोग रमजान शरीफ की इबादत में जुट जाते हैं
रोहित कुमार गुप्ता
बलरामपुर। सऊदी अरब और दुबई में 10 मार्च को रमजान का चांद दिखा। और यहां 12 मार्च से रमजान की शुरुआत हो चुकी है। सऊदी अरब में चांद दिखने के 1 दिन बाद भारत में रमजान का महीना शुरू होता है। देश भर के सभी मुसलमान रमजान का चांद देखने की कोशिश करेंगे। यदि रमजान का चांद दिखाई पड़ जाता है तो उसी रात बाद नमाज इशा तरावीह की विशेष नमाज मस्जिदों में शुरू हो जाएगी।
मस्जिदों में तैयारी
माहे रमजान की आमद पर सभी मस्जिदों की साफ सफाई रंगाई पुताई का कार्य पूरा हो चुका है। मस्जिदों को अंदर व बाहर रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया है।
तरावीह की विशेष नमाज के लिए सभी मस्जिदों के कमेटी मेंबरान ने इमाम के अलावा हाफिज ए कुरान नियुक्त कर रखा है। जो पूरे महीने तरवीह की नमाज पढ़ाएंगे। आम दिनों के मुक़ाबले माहे रमजान में नमाजियों की तादाद कई गुना बढ़ जाती है। इसके मद्देनजर नमाजियों के नमाज अदा करने के लिए मस्जिदों में चटाई, वजू के लिए पानी का विशेष प्रबंध किया गया है। पेयजल व प्रकाश की समुचित व्यवस्था भी पूरी कर ली गई है। बिजली कट होने पर नमाज में किसी प्रकार का खलल न पड़े ऐसी दशा में इनवर्टर व जनरेटर का भी इंतजाम मस्जिद कमेटी ने कर रखा है।
बाजारों में तैयारी
रमजान के मुकद्दस महीने में टोपियों की मांग भी बढ़ गई है। व टोपी विक्रेता मौलाना अब्दुल अहद बताते हैं कि दुकान में विभिन्न प्रकार की टोपी उपलब्ध है। इनकी कीमत 20 रुपये से 300 रुपये तक है। ये रंग बिरंगे कपड़ों में कढ़ाई से लोगों का ध्यान खींच रही है।
महीन सिलाई से तैयार की गई है। माहे रमजान की आमद होते ही टोपी की बिक्री बढ़ गई है। बड़ी संख्या में युवा और बच्चे टोपिया की खरीदारी कर रहे हैं।
इस बार कई तरह की टोपी आई है। ये सिर में पूरी तरह फिट हो रही है। पाकेट में रखने में भी आसान है। कीमत भी बजट के अनुरुप है।
खान पान और फलों की बिक्री बढ़ी
मजहब-ए-इस्लाम के रहमत, बरकत और मगफिरत का महीने रमजान मुबारक की आमद पर बाजार गुलजार हो गए हैं। खजूर, सेंवई, लच्छा, सूतफेनी, ड्राई फ्रूट्स व फलों की दुकानें सजी हुई हैं। फल विक्रेता मोहम्मद अफजल बताते हैं कि फलों के दाम पहले के मुकाबले कुछ महंगे हुए हैं लेकिन बहुत ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है। अलबत्ता अन्य महीना के मुकाबले माहे रमजान में फलों की बिक्री कई गुना अधिक बढ़ जाती है। जिस कारण फलों के दाम बढ़ जाते हैं।
सेब 120 रुपये किलो से 180 रुपये किलो, अंगूर 70 से 80 रुपये किलो, अनार 100 से 120 रुपये किलो, आम 180 से 200 रुपये किलो, नासपाती 70 से 90 रुपये किलो, तरबूज 30 से 40 रुपये किलो, खरबूजा 40 से 50 रुपये किलो, केला 40 रुपये दर्जन से 60 रुपये दर्जन, अनानास 50 से 100 रुपए किलो, पपीता₹40 किलो, संतरा 50 से 70 प्रति किलो, केवी 100 रुपए में तीन पीस और तो और खजूर के भाव का तो कोई पता ही लगाना मुश्किल सा है। सबसे घटिया खजूर 120 रुपये किलो बाजार में बिक रही है जबकि बढि़या खजूर 400 रुपये किलो से शुरु होकर 800 रुपये किलो तक की मिल रही है।
घरों में तैयारी
मुस्लिम समाज के घरों में रमजान की तैयारी जोरों पर दिखाई पड़ी। क्योंकि माहे रमजान के आते ही मुस्लिम लोग रमजान शरीफ की इबादत में जुट जाते हैं। मुस्लिम घरों में माह भर पहले से ही रमजान की तैयारी शुरू हो जाती है। घरों में पेंट, डिस्टेंपर के साथ ही विशेष सफाई अभियान चलता है। साथ ही सजावट व जरूरी सामान खरीदे जाते हैं। इसमें पर्दे, बर्तन, बेडशीट, क्राकरी के सामान समेत अन्य की खरीदारी होती है। जबकि रमजान के 15 दिन बीतने के साथ ही नए कपड़े, जूते समेत अन्य की खरीदारी शुरू हो जाती है। बाजारों में रमजान संबंधी वस्तुओं की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ भाड़ दिखाई दे रही है। रोजा इफ्तार करने में खजूर व फलों का इस्तेमाल अधिक होता है। इसलिए खजूर और फल अन्य महीना के मुकाबले और महंगे है।
पहली बार रोजा रखने को बच्चे हैं उत्साहित
मुकद्दस रमजान में पहली बार रोजा रखने वाले बच्चों में खासा उत्साह है तो वहीं बरसों से रोजे रखने वाले बुजुर्ग भी इबादत करने को तैयार हैं। तमाम घरों के बच्चे पहला रोजा रखने को उत्साहित हैं। बच्चों के पहला रोजा के लिए अभिभावकों ने उनके लिए नए कपड़े, साफा व उनके मनपसंद खान-पान की चीजें मुहैया कराने में जुटे हुए हैं।
इस माह को लेकर मुस्लिम समाज के लाेगों में उत्साह देखते ही बन रहा है। बाजारों की रौनक देखते ही बन रही हैै।
सभी ने एक दूसरे को दी चांद की बधाई
रमजान का चांद दिखते ही मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक दूसरे को बधाई दी। सोशल मीडिया पर भी रमजान मुबारक का जबरदस्त ट्रेडिंग रहा।