योगी नेता नहीं, संत हैं, भाग्य से बने UP के CM

एक नेशनल टीवी चैनल के साथ साक्षात्कार में सांसद बृजभूषण सिंह के बेबाक बोल

जानकी शरण द्विवेदी

गोंडा। कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि योगी आदित्यनाथ भाग्य से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए। उन्होंने कहा कि सिर्फ मोदी जी हमारे नेता हैं। बाकी आप जो सोचना हो, सोच लीजिए। एक नेशनल टेलीविजन चैनल को पिछले दिनों दिए गए साक्षात्कार में बृज भूषण शरण सिंह ने इशारों ही इशारों में बड़ी बात कह दी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तो अपना नेता स्वीकार किया, लेकिन योगी आदित्यनाथ के सवाल पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। बताते चलें कि इस बार भाजपा ने काफी जद्दोजहद के बाद सांसद बृजभूषण शरण सिंह की जगह उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज से चुनावी रण में उतारा है। महिला पहलवानों का मामला आने के बाद पिछले एक साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से कोई बात होने के बारे में पूछे गए सवाल पर भाजपा सांसद ने कहा, ‘देखिए, मेरी कोई बात नहीं हुई और न ही मैंने बात करने की कोशिश की।’ जब आपका टिकट काटा गया, तब उन्होंने आपको फोन किया? इस सवाल का जवाब भी उन्होंने ‘न’ में दिया। किसी बड़े नेता ने आपको फोन किया? उन्होंने कहा, ‘मैने अपने नेता से बात नहीं की।’ केवल जेपी नड्डा ने फोन किया? यह पूछे जाने पर भाजपा सांसद ने कहा, ‘चलिए, यह सब छोड़िए।’ यह पूछे जाने पर कि मोदी जी अभी भी आपके नेता हैं? उन्होंने जवाब दिया, ‘हां, मोदी जी हमारे नेता हैं।’ इसके बाद यह पूछे जाने पर कि क्या योगी जी भी आपके नेता हैं? इस पर उन्होंने कहा, ‘मोदी जी हैं।’ योगी के बारे में दोबारा पूछने पर उन्होंने अपनी कुर्सी दूसरी तरफ घुमाते हुए कहा, ‘जो लगाना हो लगा लीजिए। बाकी विवाद में मत फंसाइए मुझको।’
1991 में राम मंदिर आंदोलन के दौरान मात्र 33 वर्ष की उम्र में सांसद बनकर पहुंचने वाले नेता को पीछे छोड़ते हुए योगी आदित्य नाथ के मुख्यमंत्री बनने के बारे में पूछे गए सवाल पर बृजभूषण सिंह ने कहा, ‘उनका भाग्य था, वह हैं।’ प्रदेश में क्षत्रिय राजनीति पर बृजभूषण ने कहा, ‘न मैं ठाकुर नेता हूं और वो ठाकुर नेता हैं। वो संत हैं।’ यह पूछे जाने पर कि क्या आप हिंदू नेता हैं तो उन्होंने कहा, ‘हम सबके नेता हैं। हम सबको लेकर चलते हैं। विचारधारा अलग है लेकिन सबको लेकर चलता हूं हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई सब। हम वोट की नजर से नहीं देखते हैं।’ कोई भी महिला, वह भी ओलंपिक रेसलर किसी के खिलाफ इस प्रकार का गंभीर आरोप क्यों लगाएंगी? कुछ तो वजह होगी न। इस सवाल के जवाब में बृजभूषण सिंह ने कहा, ‘देखिए, ओलम्पिक का मेडल ले लेना इस बात का प्रमाण नहीं है कि वह जो बोलेंगे, सत्य बोलेंगे। यह तो अदालत फैसला करेगी, लेकिन मेरे जो काम करने के तरीके थे, कुछ लोगों को नहीं पसंद थे। सबसे पहले जब हमारा आंदोलन शुरू हुआ था, तब उसमें यौन उत्पीड़न नहीं था। उसमें था कि इनको पद से हटना चाहिए। आंदोलन समाप्त हो गया, तब भी यौन उत्पीड़न नहीं आया। चार महीने बाद कांग्रेस के बड़े नेताओं के कहने पर इन लड़कियों को तैयार किया गया। उन्होंने सीधे कहा कि आप आरोप लगाओ, मैं आपकी बेटी को डिप्टी एसपी बनाऊंगा।’ उन्होंने कहा, ‘इस साजिश में देश के कुछ बड़े उद्योगपति भी शामिल थे। वह उद्योगपति खुद रेसलिंग फेडरेशन चाहते थे। इसके लिए उन्होंने हाल ही में किसी से बात भी की थी।’ क्या आप महिला पहलवानों के मामले में एकदम निर्दोष निकलेंगे? इस सवाल पर उन्होंने कहा, ‘किसी के साथ कुछ नहीं हुआ है, कुछ नहीं हुआ है, कुछ नहीं हुआ है। सब झूठ है, झूठ है, झूठ है। सच्चाई सामने आएगी, अगर एक भी प्रकरण साबित हो जाएगा कि मैंने किसी के साथ कोई शरारत की है, तो स्वतः फांसी पर लटक जाऊंगा। जो मेरा पूर्व का बयान है, उसी पर कायम हूं।’
आपका टिकट काटकर बेटे को दिया गया है। क्या ऐसा है कि भाजपा ने आप पर अविश्वास जताया? भाजपा सांसद ने कहा, ‘देखिए, इसे जो जिस रूप में लेना चाहे, ले सकता है। कोई ले सकता है कि टिकट नहीं दिया, वह भी खुश और टिकट दे भी दिया। एक पिता के लिए अपने पुत्र को अपने अच्छे समय में उत्तराधिकारी बनते हुए देखकर किसको प्रसन्नता नहीं होगी?’ जिस व्यक्ति ने भारतीय जनता पार्टी को गोंडा और आसपास के क्षेत्र में खड़ा किया, उसे टिकट न देकर बेटे को टिकट देने में क्या संदेश था? उन्होंने कहा, ‘कुछ तो मजबूरियां रही होंगी….लेकिन मैं।’ पार्टी ने इस बारे में आपसे क्या कहा? इस पर उन्होंने कहा, ‘पार्टी ने मुझसे कुछ नहीं कहा। पार्टी से अंतिम समय में हमारे नेता का फोन आया कि…. संयोग से उन्होंने भी मुझे नेता जी कहा, पूछा-नेता जी क्या करना है? मैंने कहा-आपकी मर्जी। तो कहे कि अगर आपको विधानसभा लड़ना हो तो प्रतीक को दे दें तो मैंने कहा, मुझे विधानसभा नहीं लड़ना है। तो कहा छोटे को दे दें करन को, तो मैंने कहा दे दीजिए। इसके अलावा मेरी कोई बात नहीं हुई।’ फिर पार्टी आपके साथ क्यों खड़ी नहीं रही? इस प्रश्न पर उन्होंने कहा, ‘पार्टी तब माना जाता कि खड़ी नहीं हुई है, जब वह मेरे बेटे को टिकट न देती और मुझसे पीछा छुड़ा लेती।’ उन्होंने कहा कि कैसरगंज क्षेत्र की जनता का हमारे प्रति प्यार को देखते हुए देवीपाटन मण्डल के एक भी व्यक्ति ने इस सीट से टिकट नहीं मांगा। एक भी एप्लीकेशन प्रदेश कार्यालय व राष्ट्रीय कार्यालय को नहीं गई। बता दें कि इससे पूर्व भी कई मौकों पर बृजभूषण शरण सिंह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साध चुके हैं। यूपी में छुट्टा जानवरों की समस्या को लेकर बृजभूषण सिंह ने पिछले वर्ष कहा था, ‘हमने सलाह दी थी। हमारी सलाह को नहीं माना और आज उसका समाधान रोड पर हो रहा है। ज्यादा बोलेंगे तो गड़बड़ हो जाएगा। बोलिए भारत माता की जय।’

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