योगी कैबिनेट का फैसला, उप्र के ग्रामीणों को मिलेगा मकानों का मालिकाना हक

लखनऊ (हि.स.)।    उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना के तहत सूबे के ग्रामीण आबादी के सर्वेक्षण कार्य और गांव वासियों को घरौनी उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए योगी कैबिनेट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश आबादी सर्वेक्षण एवं अभिलेख संक्रिया विनियमावली, 2020 को हरी झंडी दे दी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश आबादी सर्वेक्षण एवं अभिलेख संक्रिया विनियमावली, 2020 के तहत ग्रामीणों को उनके मकानों के स्वामित्व प्रमाणपत्र के तौर पर ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) उपलब्ध कराए जाएंगे। सरकार का मानना है कि इस योजना से गांवों में आवादी की जमीनों पर कब्जे को लेकर झगड़े-फसाद में कमी आएगी। इसके अन्तर्गत आबादी क्षेत्र के नक्शे के आधार पर गृह स्वामियों की सूची तैयार की जाएगी। प्रवक्ता ने बताया कि स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीणों को दी जाने वाली घरौनी में हर मकान का यूनीक आइडी नंबर दर्ज होगा। 
कैबिनेट ने आज की बैठक में एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) की ब्रांडिंग के लिए योजना को मंजूरी दी। इसके तहत उप्र के साथ ही पूरे देश में रिटेल स्टोर्स खोले जाएंगे। राज्य सरकार स्टोर्स खोलने पर वित्तीय प्रोत्साहन सहायता भी देगी। यह ब्रांडिंग योजना तीन सालों के लिए है। 
प्रवक्ता ने बताया कि योगी कैबिनेट ने निर्णय लिया कि प्रदेश भर में आंगनबाड़ी केंद्रों पर वितरित होने वाला पुष्टाहार अब स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से उत्पादित और वितरित किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार का बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग तथा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के बीच जल्द ही करार होगा। सरकार का मानना है कि इससे महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। 
इसके अलावा योगी कैबिनेट ने आज की बैठक में धान खरीद के लिए 3000 करोड़ की कैश क्रेडिट लिमिट को मंजूरी दी। साथ ही शिक्षकों की भारी कमी झेल रहे प्रदेश के मेडिकल कालेजों व चिकित्सा संस्थानों को कैबिनेट ने राहत दी है। अब इन संस्थानों में मेडिकल कालेजों व चिकित्सा विश्वविद्यालयों के अलावा आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विसेज के सेवानिवृत चिकित्सा शिक्षकों को भी नियुक्त किया जा सकता है। इन शिक्षकों को कन्सल्टेंट के रूप में 2,20,000 रूपये प्रतिमाह पारिश्रमिक दिए जाने की अनुमति प्रदान की गई है। 
गौरतलब है कि कोरोना संकट के चलते करीब पांच माह बाद आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी कैबिनेट की बैठक बुलाई। इससे पहले कैबिनेट बाइसुर्कलेशन के माध्यम से ही प्रस्तावों को मंजूरी दी जा रही थी। 
 

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