यूपी में 19 से फिर लगेगा मुख्यमंत्री आरोग्य मेला
लखनऊ (हि. स.)। उत्तर प्रदेश में 19 सितंबर से एक बार फिर मुख्यमंत्री आरोग्य मेले का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी ने शुक्रवार को टीम-9 की बैठक में अधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं की सुगम उपलब्धता सुनिश्चित कराने में मुख्यमंत्री आरोग्य मेला ने कम समय में ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कोरोना की नियंत्रित स्थिति को देखते हुए 19 सितंबर से आरोग्य मेलों का आयोजन पुनः प्रारंभ किया जाए। ऐसे अन्त्योदय कार्डधारक परिवार जो प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना अथवा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में से किसी भी योजना से आच्छादित नहीं हैं, उन्हें मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल करने का निर्णय विगत दिनों लिया गया है। 40 लाख से अधिक अंत्योदय कार्डधारक परिवार इस निर्णय से सीधे लाभान्वित होंगे। सभी पात्र लोगों को योजना का लाभ दिलाया जाए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और वरित ट्रीटमेंट के मंत्र से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। अब तक सात करोड़ 44 लाख 95 हजार 406 कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है। विगत 24 घंटे में हुई दो लाख 30 हजार 740 सैम्पल टेस्टिंग में 10 नये मरीजों की पुष्टि हुई। मात्र आठ जिलों में ही नये मरीज मिले। इसी अवधि में 16 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। प्रदेश में अब तक 16 लाख 86 हजार 457 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। योगी ने कहा कि यह सतर्कता और सावधानी बरतने का समय है। थोड़ी सी लापरवाही संक्रमण को बढ़ाने का कारक बन सकती है।
मुख्यमंत्री ने टीम-9 की बैठक में कहा कि बरसात के मौसम को देखते हुए डेंगू, मलेरिया व अन्य वायरल बीमारियों के संदिग्ध मरीजों की पहचान के लिए जारी प्रदेशव्यापी सर्विलांस कार्यक्रम को और प्रभावी बनाया जाए। सर्दी, जुकाम, बुखार, श्वांस समस्या आदि संबंधित चिन्हित लोगों के समुचित उपचार की व्यवस्था कराई जाए। आवश्यकतानुसार जांच भी कराई जाए। डोर-टू-डोर सर्वेक्षण के दौरान बुखार/दस्त/डायरिया आदि की जरूरी दवाइयां वितरित की जाएं। विशेषज्ञ टीम के दिशा-निर्देशों के अनुरूप उपचार की समुचित व्यवस्था रहे। बेड, दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखी जाए। सरकारी अस्पतालों में सभी मरीजों के निःशुल्क उपचार की व्यवस्था है। फिरोजाबाद, आगरा, कानपुर, मथुरा समेत अन्य प्रभावित जिलों की स्थिति पर सतत नजर रखी जाए।
केंद्र व राज्य सरकार के समन्वित प्रयासों से प्रदेश में अब तक 400 ऑक्सीजन प्लांट चालू हो चुके हैं। मेडिकल कॉलेज व अन्य शासकीय अस्पतालों में क्रियाशील यह ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट भविष्य की आवश्यकताओं के दृष्टिगत अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगे। शेष 155 प्लांट की स्थापना की कार्यवाही भी तेजी से की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा तकनीशियनों का यथोचित प्रशिक्षण शीघ्र पूरा कराया जाए। जिलाधिकारी गण निर्माणाधीन प्लांट के कार्यों का सतत निरीक्षण करते रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी गो-आश्रय स्थलों में व्यवस्था सुचारु रखी जाए। हरा चारा-भूसा आदि के समुचित प्रबंध हों। कृषि उत्पादन आयुक्त स्तर से सभी निराश्रित गो-आश्रय स्थलों की स्थिति की पड़ताल की जाए। यदि दुर्व्यवस्थाओं के कारण गोवंश की मृत्यु हुई तो संबंधित अधिकारी, कर्मचारी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी तय है।
उत्तर प्रदेश का बिजली उपभोक्ता ईमानदार है। यह विभाग की जिम्मेदारी है कि उपभोक्ताओं को समय से सही बिजली बिल उपलब्ध कराए। फेक बिलिंग/ओवरबिलिंग का एक भी केस आना लोगों को हतोत्साहित करता है। ऐसा कतई न हो। कृषि उत्पादन आयुक्त स्तर पर इस संबंध में मॉनिटरिंग की जाए। बिजली बिल बकाये के एकमुश्त समाधान के संबंध में योजना यथाशीघ्र प्रस्तुत किया जाए।
व्यापारियों की समस्याओं के त्वरित समाधान का प्रयास करें। प्रकरण कतई लंबित न रहे। प्रत्येक जिलाधिकारी-पुलिस कप्तान माह में एक बार तथा मंडलायुक्त व आईजी, डीआईजी स्तर से दो माह में एक बार व्यापारिक संगठनों के साथ अनिवार्य रूप से बैठक की जाए। ज्यादातर समस्याओं का हल स्थानीय से ही निकल सकता है, इस दिशा में सकारात्मक सोच के साथ कोशिश की जाए।
गोरखपुर, सिद्धार्थ नगर, महराजगंज, गोंडा, श्रावस्ती सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ गांवों में बाढ़ की समस्या है। राप्ती को छोड़ शेष सभी नदियों का जलस्तर कम हो रहा है। आपदा मोचक टीमें 24×7 एक्टिव रहें। प्रभावित लोगों की जरूरत का पूरा ध्यान रखा जाए। प्रभावित लोगों को तत्काल राशन आदि उपलब्ध कराया जाए। राहत कार्य पूरी तत्परता के साथ किया जाए।
भारत सरकार द्वारा घोषित नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क में प्रदेश के चार चिकित्सा संस्थानों को शीर्ष 15 में स्थान मिला है। इस प्रतिष्ठित सूची में एसजीपीजीआई, लखनऊ पांचवे, आईएमएस बीएचयू सातवें, केजीएमयू लखनऊ नौवें तथा एमएमयू अलीगढ़ 15वें स्थान पर है। राष्ट्रीय सूची में इन संस्थानों को शामिल किया जाना गौरवपूर्ण है। यह रैंकिंग अन्य संस्थानों के लिए प्रेरणा देने वाली होगी, जबकि इन संस्थानों को और बेहतर प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।