यूं ही नहीं होती योगी की तारीफ

गिरीश पांडेय

सुसाशन मॉडल, विश्वस्तरीय बुनियादी संरचना के विकास और किसानों के हित में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काम देश के लिए नजीर बन चुके हैं। करीब चार दर्जन क्षेत्रों में देश में नंबर वन होना इसका प्रमाण है। यही वजह कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी हर अवसर पर इस मुद्दे पर उनकी तारीफ करता है। खासकर एक बदनाम प्रदेश की कानून व्यवस्था को पटरी पर लाना बड़े कलेजे की बात है। हर तरह के माफिया को मटियामेट करने का उनका मॉडल दीगर प्रदेशों को भी पसंद आ रहा है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उनकी पीठ थपथपा चुके हैं। 22 अगस्त को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में योगी राज के कानून व्यवस्था को शानदार माना है। शाह ने स्वीकार किया है कि यूपी में कानून का राज लंबे अरसे बाद लौटा है। पूरी मशीनरी का अराजनीतिकरण कर उसे अच्छे से संभालना काबिल-ए-तारीफ है।

यूपी ने वर्षों से लंबित सिंचाई की परियोजनाओं को पूरा किया है। इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण समारोह में प्रधानमंत्री ने-ये मोदी है, ये योगी है, कहकर बड़ा संदेश दिया। भाजपा ने विधानसभा चुनाव कानून व्यवस्था को मुख्य मुद्दा बनाकर लड़ा। इस मसले पर योगी राज की आलोचना करने वाले विपक्ष को मुंह की खानी पड़ी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कई मौकों पर अपने संबोधन में उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था और इसके असर का जिक्र किया। इससे भी महत्वपूर्ण है कि यूपी के लोगों को योगीराज पसंद आया है।

दरअसल यह सच्चाई है। इसे कोई भी नहीं नकार सकता। 22 नवम्बर, 2021 को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गोरखपुर क्षेत्र के बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन में इस पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा था कि एक वक्त वह भी था जब सूर्यास्त के साथ ही उत्तर प्रदेश ठहर जाता था। बहू-बेटियां सुरक्षित नहीं थीं। वर्ग विशेष के लोग अपने हिसाब से कानून चलाते थे। अब हालात बदल गए हैं। अब दरिंदे कोर्ट में अपील करते हैं कि हमें जेल में डाल दो या किसी अन्य राज्य भेज दो। यह परिवर्तन योगी लाए हैं। इस सबसे इतर कहा जा सकता है कि आज प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर है। 8024 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव लाकर योगी ने साबित कर दिया कि उत्तर प्रदेश निवेशकों का पसंदीदा मंजिल बन चुका है। अब ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का इंतजार है। इसके जरिये 10 लाख करोड़ रुपये निवेश का लक्ष्य है। यह कहना समीचीन होगा कि निवेश का यह माहौल बेहतरीन कानून व्यवस्था से बना है।

(लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)

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