मोदी सरकार के एजेंडे में रक्षा का विषय सर्वोपरि: नड्डा
नई दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के एजेंडे में रक्षा का विषय सर्वोपरि रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का फौज के प्रति काफी लगाव है। उनकी हर दीवाली फौज के जवानों के साथ बॉर्डर पर मनती है। इसके पीछे ये संदेश रहता है कि त्योहारों पर भी जो देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं, उनके साथ देश का प्रधानमंत्री खड़ा है।
भाजपा मुख्यालय में ‘कारगिल विजय दिवस’ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि लद्दाख स्टैंड ऑफ में भी प्रधानमंत्री खुद गए थे, उन्होंने बैठकें भी कीं, जवानों का हालचाल भी पूछा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के एजेंडा में रक्षा का विषय फोकस पर रहा है। नड्डा ने कहा कि पूर्व सैनिकों की वन रैंक-वन पेंशन (ओआरओपी) की मांग को पूरा करने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। करीब 33,000 करोड़ रुपये देकर उन्होंने सभी भुगतान पूरे कराए। उन्होंने कहा कि 40 वर्ष से ओआरओपी का मामला चल रहा था, लेकिन इसके साथ हमेशा राजनीति हुई।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पूर्व की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय लगभग 72 प्रोजेक्ट देश की सीमाओं के लिए थे लेकिन किसी पर काम नहीं हुआ। आज वो सभी72 प्रोजेक्ट पूरे होने वाले हैं। वर्ष 2008 से लेकर 2014 तक 3,610 किमी सड़कें बनी। जबकि 2014 से 2020 तक 4,764 किमी सड़कें बॉर्डर एरिया में बनाई जा चुकी हैं। नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद करीब 36 राफेल और 28 अपाचे विमान मंगाए गए। बुलेट प्रूफ जैकेट आज भारत बना रहा है और एक्सपोर्ट भी कर रहा है। उन्होंने कहा कि हर तरह से चिंता की गई कि फौज को फोकस में रखकर सभी जरूरी कार्य पूरे किए जाएं।
भाजपा अध्यक्ष ने कारगिल युद्ध के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का ज़िक्र करते हुए कहा कि जब कारगिल की लड़ाई फौज बॉर्डर पर लड़ रही थी, तो राजनीतिक नेतृत्व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लड़ाई लड़ रही था। नवाज शरीफ ने बिल क्लिंटन से बीच बचाव का आग्रह किया था। कई संदेश अटल जी के पास आए थे लेकिन अटल जी ने स्पष्ट कहा कि भारत युद्ध विराम तब तक नहीं करेगा, जब तब हम पाकिस्तान को पछाड़कर अपनी सीमाओं को सुरक्षित नहीं कर लेते।