मॉरीशस विश्वविद्यालय ने राष्ट्रपति मुर्मू को डॉक्टर ऑफ सिविल लॉ की मानद उपाधि प्रदान की
नई दिल्ली(हि.स.)। मॉरीशस विश्वविद्यालय ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को डॉक्टर ऑफ सिविल लॉ की मानद उपाधि प्रदान की है। इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मू ने शिक्षा की शक्ति के परिवर्तनकारी प्रभाव के अपने व्यक्तिगत अनुभव के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा ही है जो हमें अभाव से अवसरों और आशा की ओर ले जाती है।
तीन दिवसीय दौरे पर सोमवार को मॉरीशस पहुंचीं राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत सरकार ने युवाओं को शिक्षित और सशक्त बनाने को प्राथमिकता दी है। साथ ही विश्वास व्यक्त किया कि भारत की दूरंदेशी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश का उपयोग करके नवाचार का एक पावर हाउस बन जाएगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि वह इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से डॉक्टर ऑफ सिविल लॉ की मानद उपाधि प्राप्त करके विशेष रूप से सम्मानित महसूस कर रही हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह सभी युवाओं, विशेषकर युवा महिलाओं को अपने अद्वितीय जुनून की खोज करने और अपने सपनों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि भविष्य की इस रोमांचक यात्रा में भारत मॉरीशस जैसे अपने विशेष मित्रों के साथ साझेदारी करने को उत्सुक है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि हर साल मॉरीशस के 400 लोगों को भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) कार्यक्रम के तहत भारत में प्रशिक्षित किया जाता है और मॉरीशस के 60 छात्रों को भारत में उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए छात्रवृत्ति मिलती है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत मॉरीशस को एक करीबी समुद्री पड़ोसी, हिंद महासागर क्षेत्र में एक भागीदार और अपने अफ्रीका पहुंच में एक प्रमुख साथी के रूप में देखता है। यह देखते हुए कि मजबूत लोगों से लोगों के बीच संबंध भारत और मॉरीशस के बीच विशेष मित्रता की नींव रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मॉरीशस और भारत के युवा इस विशेष साझेदारी को प्रगाढ़ करना जारी रखेंगे।
अनूप/पवन