मेरठ : लाखों लोगों की आस्था का केंद्र मरघट वाली मंशा देवी

मेरठ (हि.स.)। जागृति विहार का प्राचीन मंशा देवी मंदिर लाखों लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। मरघट वाली माता के नाम से प्रसिद्ध मंशा देवी मंदिर में प्रत्येक वर्ष लाखों लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की हर मन्नत पूरी होती है।

कभी आने से डरते थे लोगप्राचीन मंशा देवी मंदिर में आज भले ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगती हो, लेकिन एक समय यहां आने से भी लोगों को डर लगता था। बताया जाता है कि औरंगशाहपुर डिग्गी गांव का श्मशान घाट होता था। श्मशान के बीच में देवी की मूर्ति होती थी। उस समय लोग यहां आते हुए भी डरते थे। आज उसी स्थान पर मंशा देवी मंदिर विराजमान है। इसे मरघट वाली माता भी कहा जाता है।
नवरात्र में लगता है नौ दिन का मेलामंशा देवी मंदिर के पुजारी भगवत गिरि का कहना है कि मंशा देवी मंदिर में चैत्र और शारदीय नवरात्र में नौ दिन का विशेष मेला आयोजित किया जाता है। इस मेले में लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन करने के लिए आते हैं। इस साल कोरोना आपदा के चलते मेले का आयोजन नहीं किया जा रहा, लेकिन श्रद्धालुओं की श्रद्धा देवी के प्रति कम नहीं हुई है। हजारों लोग प्रतिदिन माता के दर्शन करने आ रहे हैं। मंदिर में आने वाले प्रत्येक भक्त की मन्नत पूरी होती हैं।
बहुत पुराना है मंदिर का इतिहासप्राचीन मंशा देवी मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। मंदिर वाले स्थान पर किसी समय आसपास के आठ गांवों का श्मशान था। यह जमीन औरंगशाहपुर डिग्गी गांव की थी। मंदिर के पुजारी भगवत गिरि ने बताया कि उनके दादा रामगिरि की देखरेख में प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया। उनके पिता चनवा गिरि ने भी मंदिर का नवनिर्माण कराया।
मंदिर परिसर में स्थित है 25 अन्य मंदिरपुजारी ने बताया कि मंशा देवी मंदिर साढ़े चार बीघा क्षेत्र में बना हुआ है। इस मंदिर परिसर में मंशा देवी के साथ-साथ हनुमान मंदिर, शिव मंदिर, संतोषी देवी मंदिर, गोरखनाथ, काली माता मंदिर, नवगृह मंदिर आदि 25 मंदिर स्थित है।प्रत्येक वर्ष मंदिर आते हैं श्रद्धालुनवरात्र के अवसर पर मेरठ शहर के साथ ही दूरदराज से श्रद्धालु देवी के दर्शन करने आते हैं। श्रद्धालु अनिता, आशवी पलक का कहना है कि वह प्रत्येक नवरात्र में मां मंशा के दर्शन करने आते हैं। उनकी मांगी हुई प्रत्येक मन्नत पूरी होती है।

error: Content is protected !!