मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान में होगी भाकियू की महापंचायत
मुजफ्फरनगर (हि.स.)। कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बवाल के बाद किसान आंदोलन की दशा-दिशा बदल गई है। यूपी गेट के धरने को लेकर शुक्रवार को मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान में भाकियू ने महापंचायत का आयोजन किया है। इसमें भारी भीड़ जुटने का अनुमान है।
यूपी गेट पर भाकियू नेता राकेश टिकैत के भावुक भाषण के बाद किसान आंदोलन की तस्वीर बदल गई। गुरुवार को दिन में धरना समाप्त करने की बात कहने वाले भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने रात में ही सिसौली में पंचायत बुलाई थी। इस पंचायत में शुक्रवार को मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान में महापंचायत का ऐलान किया गया। इसके बाद से ही पुलिस प्रशासन में खलबली मची हुई है। इससे पहले भाकियू ने गुरुवार को सभी थानों पर धरना-प्रदर्शन करने का ऐलान किया था। इसमें भोपा थाने पर प्रदर्शन किया गया था।
महापंचायत में होगा अगले कदम पर निर्णय भाकियू की राजकीय इंटर काॅलेज के मैदान में होने वाले महापंचायत में ही अगले कदम पर निर्णय लिया जाएगा। भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत का कहना है कि किसानों के हौंसले पूरी तरह से बुलंद है।
रालोद भी साध रहा सियासी समीकरणअपनी सियासी जमीन खो चुका राष्ट्रीय लोकदल भी किसान आंदोलन के बहाने अपने सियासी समीकरण टटोल रहा है। इसी कारण रालोद उपाध्यक्ष जयंत चैधरी ने पहले किसान आंदोलन को समर्थन दिया। इसके बाद गुरुवार को यूपी गेट जाकर भाकियू नेता राकेश टिकैत को समर्थन दे दिया। इसके पीछे रालोद की मंशा अपने परंपरागत जाट वोटरों को साधने की है।
छिपी नहीं है राकेश टिकैत की सियासी मंशाभाकियू नेता राकेश टिकैत केवल किसानों की आवाज नहीं उठाते, बल्कि उनकी सियासी मंशा भी जगजाहिर है। वह खतौली से निर्दलीय विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं तो 2014 में अमरोहा लोकसभा से रालोद के टिकट पर लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं।