मुख्यमंत्री योगी ने राजधानी के सिविल अस्पताल पहुंच कर ड्राई रन का लिया जायजा, दिए निर्देश

लखनऊ (हि.स.)। कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारियों को लेकर प्रदेश में सोमवार को ड्राई रन का फाइनल अभियान चलाया जा रहा है। राज्य के सभी जनपदों में 1,500 केन्द्रों पर इस अभियान के दौरान कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारियों को परखा जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी के सिविल अस्पताल में चल रहे ड्राई रन का जायजा लिया। 

मुख्यमंत्री ने रजिस्ट्रेशन हाल, वैक्सीनेशन और परीक्षण कक्ष का निरीक्षण किया। उन्होंने अस्‍पताल में चल रहे पूर्वाभ्‍यास और उसकी तैयार‍ियों के बारे में अध‍िकार‍ियों से जानकारी हास‍िल की और आवश्‍यक द‍िशा-न‍िर्देश भी द‍िए। इस दौरान वरिष्ठ अफसर मौजूद रहे। उत्तर प्रदेश तीसरी बार पूर्वाभ्यास करने वाला पहला राज्य है। 
राज्य में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान के प्रथम चरण में 09 लाख हेल्थ केयर वर्कर्स का टीकाकरण किया जाना है। यह टीकाकरण लगभग 1,500 स्थलों पर 3000 सत्रों के दौरान होगा। इनमें सरकारी और निजी क्षेत्रों के हेल्थ केयर वर्कर्स शामिल रहेंगे।
द्वितीय क्रम में फ्रण्टलाइन वर्कर्स का टीकाकरण होगा, जिसमें केन्द्रीय व राज्य पुलिस बलों, राजस्व कर्मी तथा म्युनिसिपल वर्कर्स आदि सम्मिलित रहेंगे। इसके लिए लगभग 3,000 स्थल और 6000 सत्र निर्धारित किए गए हैं। तीसरे चरण में 50 वर्ष की आयु से अधिक तथा कोविड प्रोटोकाॅल के अनुसार गम्भीर रोगों से पीड़ित 50 वर्ष आयु तक के लोगों को वैक्सीन उपलब्ध करायी जाएगी।
वहीं आज पूरी गतिविधि के माध्यम से बायोमेडिकल वेस्ट का निष्पादन करने, ओब्सेर्वेशन कमरे में लाभार्थी को रखने के बाद वैक्सीन का प्रतिकूल प्रभाव देखने और उसका इलाज करने का ड्राई रन किया जा रहा है। प्रत्येक सत्र के लिए तीन कमरों में टीकाकरण केंद्र बनाया गया है। इसमें सबसे पहले वेटिंग रूम में लाभार्थी का वेरिफिकेशन करने के उपरांत उसे बैठाया गया तथा कोविन पोर्टल पर डाटा अपलोड किया गया।
इसके बाद वैक्सीनेशन रूम पर लाभार्थियों को टीका लगाया गया। वहीं फिर ऑब्जरवेशन रूम में टीकाकरण के बाद लाभार्थियों को करीब आधे घंटे तक बैठाया गया। जहां पर तीस मिनट के भीतर टीका लगने वाले व्यक्ति पर टीके के प्रतिकूल प्रभाव पर विशेष नजर रखी जा रही है।
इसके लिए एक स्पेशलिस्ट टीम तैनात की गई है, जिसमें डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ शामिल हैं, जो एईएफआई (एडवर्स इफेक्ट फालोइंग इम्युनाइजेशन) किट के साथ देखरेख कर रहे हैं। वैक्सीनेशन के तीस मिनट बाद ही लाभार्थी घर भेजने का निर्देश है।
वैक्सीन का प्रभाव दोनों ही प्रकार से देखाने को कहा गया है। वैक्सीन के गंभीर प्रतिकूल प्रभाव और हल्के प्रतिकूल प्रभाव होने पर लाभार्थियों को किस तरह से इलाज मुहैया करा जायेगा इसका रिहर्सल किया गया। यह पूरी प्रक्रिया कोरोना से बचाव के सभी प्रोटोकॉल जैसे मॉस्क पहनना, बार-बार 20 सेकेण्ड तक हाथ धोना और दो गज की शारीरिक दूरी का पालन करते हुए सम्पादित की जा रही है। 
प्रदेश में इससे पहले 02 जनवरी को लखनऊ फिर 05 जनवरी को राज्य के सभी जिलों में कोरोना वायरस टीकाकरण का ट्रायल किया जा चुका है। देश में 16 जनवरी से कोरोना वायरस टीकाकरण शुरू होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसे लेकर अधिकारियों को दिशा निर्देश दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि सबके प्रयासों से उत्तर प्रदेश कोरोना पर विजय प्राप्त करने में हर हाल में सफल होगा। 
  Submitted By: Sanjay Singh Fartyal Edited By: Deepak Yadav

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