मुख्यमंत्री का जनता दर्शन : एक-एक फरियादी के पास जाते हैं ‘सुनते हैं समस्या, करते हैं समाधान’

-अधिकारियों के व्यवहार में आता बदलाव तो जिला मुख्यालय पर ही मिलता निदान

लखनऊ (हि.स.)। सुबह-सुबह अभी चिड़ियों का कलरव शुरू ही हुआ रहता है। सूर्य की लालिमा निकलने से पूर्व ही उप्र के सीएम आवास पर कलरव शुरू हो जाता है। यह कलरव होता है, प्रदेश के दूर-दूर के जिलों से आये लोगों का, जो की मुख्यमंत्री से न्याय मिलने की आस में पहुंचते हैं। संतुष्ट भी होते हैं और अपने घरों को वापस चले जाते हैं। ये पीड़ित जब आते हैं तो चेहरे पर थकान दिखती है लेकिन जाते वक्त उनके चेहरे की चमक देखकर सहज ही अनुमान लग जाता है कि वे संतुष्ट होकर जा रहे हैं। लेकिन यह संतुष्टि तब ज्यादा होती, जब अधिकारी सीएम से कुछ सीख लेकर अपने स्तर से ही मामलों को निपटा देते।

प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ लखनऊ प्रवास पर रहने पर सुबह दूर-दूर के जिलों से आये फरियादियों के यहां खुद चलकर जाते हैं। फरियादी कुर्सी पर बैठे होते हैं और सीएम एक-एक व्यक्ति से समस्या पूछकर उनका ज्ञापन लेते हैं।

इस संबंध में राजनीतिक विश्लेषक राजीव रंजन सिंह का कहना है कि यह शायद ही किसी ने कल्पना की होगी कि इतने बड़े प्रदेश का मुखिया दरवाजे पर आये हर फरियादी के पास जाकर खुद ही उसका ज्ञापन ले और उसकी समस्या का निस्तारण करने के लिए निर्देशित करे। उन्होंने कहा कि सीएम की सौम्यता से अभी तक यहां के अधिकांश अधिकारी कुछ भी सीख नहीं पाये हैं। जिस दिन वे सीख जाएंगे, उस दिन से अस्सी प्रतिशत समस्याएं जिला मुख्यालय पर ही हल हो जाएंगी। फरियादियों को लखनऊ का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि किसी भी संस्कृति को बदलने में समय लगता है। अधिकारियों में बदलाव आएगा लेकिन अभी समय लगेगा। अभी तक कुर्सी पर बैठकर सिर्फ फरमान सुनाने की अधिकारियों की आदत सी बन गयी थी, जो धीरे-धीरे समाप्त होने की प्रक्रिया में है।

बुधवार को भी सुबह ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फरियादियों की फरियाद सुनी। लोग बताये गये स्थान पर क्रम से अपनी-अपनी कुर्सी पर बैठे थे। सीएम योगी आदित्यनाथ आये, एक-एक व्यक्ति के पास जाकर उनकी समस्याएं पूछीं। पहले से लिखा हुआ ज्ञापन लिया और उसके त्वरित समाधान के निर्देश दिये।

सुलतानपुर जिले से आयी एक फरियादी महिला ने कहा कि हमें लोग बताये थे कि सीएम खुद आकर समस्या सुनते हैं लेकिन विश्वास नहीं हो रहा था। जब मुख्यमंत्री जी हमारे पास आये तो हमारी आंखें तो खुशी से ऐसे ही छल-छला आयीं। एक योगी और यूपी का सीएम भला हमारे पास आकर हमारी समस्या सुन रहे हैं। हमारा आधा दर्द तो ऐसे दूर हो गया।

error: Content is protected !!