मुख्तार की बीएचटी रिपोर्ट भी बन सकती है गले की फांस
बांदा (हि.स.)। माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के मौत के मामले की जांच कर रही न्यायिक जांच कमेटी के सामने, भले ही मुख्तार के परिजनों ने अब तक कोई बयान दर्ज नहीं कराया। लेकिन जांच की रफ्तार तेज होती जा रही है। जांच टीम को मेडिकल कॉलेज की बीएचटी भी मिल गई है। जिसके जरिए पता लगाया जा सकेगा कि 26 व 28 मार्च को इलाज के दौरान किन बीमारियों का इलाज किया गया और किन-किन डॉक्टरों ने इलाज किया।
सूत्रों के अनुसार न्यायिक कमेटी की जांच अधिकारी अपर न्यायिक अधिकारी गरिमा सिंह 2 दिन पहले रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज अपनी टीम के साथ गई थी। मुख्तार से जुड़े सभी तथ्यों की जांच की थी, लेकिन अभी तक जिन डॉक्टरों ने मुख्तार का इलाज किया था, उनके बयान नहीं लिए गए हैं। मेडिकल कॉलेज में 26 और 28 मार्च को जिन डॉक्टरों ने इलाज किया है। उनकी सूची तैयार कर ली है। इन डॉक्टरों की संख्या 14 बताई जा रही है। डॉक्टरों की सूची न्यायिक कमेटी को उपलब्ध करा दी गई है। इसके अलावा जांच टीम ने 26 और 28 मार्च की बीएचटी भी मांगी थी। दोनों दिन की बीएचटी भी टीम को पहुंचा दी गई है।
मुख्तार अंसारी को 26 मार्च को तबीयत बिगड़ने पर मेडिकल कॉलेज लाया गया था। इलाज के 14 घंटे बाद पुनः जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। इसके बाद दोबारा उन्हें 28 मार्च की शाम उसे फिर लाया गया था। उसी दिन रात को हार्ट अटैक से मौत हो जाने की बात कही गई थी। इन दोनों दिन डॉक्टरों ने किन बीमारियों का इलाज किया। इसकी बारीकी से बीएचटी के जरिए ही जांच हो सकती है।
बीएचटी मिलने के बाद टीम मुख्तार की उस बातचीत के जरिए बीएचटी से मिलान करने की कोशिश करेगी, जिसमें मौत के दिन ही दोपहर में बेटे उमर अंसारी से फोन के जरिए बातचीत के दौरान मुख्तार अंसारी ने अपनी बीमारियों का जिक्र किया था। बातचीत में अपनी हालत ठीक नहीं बताई थी। यह वीडियो वायरल भी हुआ था।अगर बीएचटी में मुख्तार से संबंधित बीमारियों का इलाज नहीं हुआ तो यह रिपोर्ट डॉक्टरों और जेल प्रशासन के गले की फांस बन सकती है। फिलहाल जांच की रफ्तार तेज है।
सूत्र यह भी बता रहे हैं कि मुख्तार अंसारी के परिजन अब्बास अंसारी के कासगंज लौटने के बाद बयान दर्ज कराने न्यायिक कमेटी के समक्ष बांदा आ सकते हैं। वहीं मेडिकल कॉलेज से संबंधित अधिकारी मुख्तार के मामले में किसी तरह का बयान देने से बच रहे हैं।
अनिल/सियाराम