मीरजापुर में तीन बालकों की डूबने से नहीं हुई मौत, उनकी हत्या की गई
-दो डॉक्टरों के पैनल द्वारा किये गए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुई पुष्टि
-एडीजी, आईजी समेत आलाधिकारी पहुंचे घटना स्थल, परिजनों से की बात
-पुलिस ने हत्या का मुकदमा किया दर्ज, जल्द खुलासे का दिया आश्वासन
मीरजापुर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में मीरजापुर के लालगंज निवासी तीन बालकों की विंध्याचल के लेहड़िया बंधी में डूबने से मौत नहीं हुई थी, बल्कि उनकी हत्या की गई है। इस बात की पुष्टि दो डॉक्टरों के पैनल द्वारा किये गए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में की गई है। पुलिस इसी रिपोर्ट के आधार पर घटना का पर्दाफाश करने में जुट गई है। रात दो बजे से सुबह छह बजे तक चले पोस्टमाटर्म के दौरान पाया गया कि बालकों की डूबने से मौत नहीं हुई है। उनकी हत्या की गई है। उनके चेहरे पर चोट के निशान पाए गए हैं। इससे कहा जा रहा है कि उनके चेहरे पर हमला करके उन्हें मारा गया है।
उधर, एडीजी जोन वाराणसी ब्रज भूषण, आईजी पीयूष श्रीवास्तव, जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल व पुलिस अधीक्षक अजय कुमार सिंह ने गुरुवार दोपहर घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद मृतकों के गांव जाकर परिजनों से मामले में पूछताछ की। अधिकारियों ने गांव वालों से भी इस मामले में तहकिकात की।
एडीजी जोन ने आईजी से तत्काल घटना का अनावरण कराने का निर्देश दिया। उन्होंने इस मामले में एसआईटी टीम गठित करके जांच का आदेश दिया। साथ ही हत्या का मुकदमा पंजीकृत कर मामले का खुलासा करने का आश्वासन दिया।
बामी गांव निवासी शशांक, सुधांशु और हरिओम मंगलवार को पूर्वाह्न 11 बजे घर से बेर खाने धसड़ा जंगल गए थे। इसके बाद तीनों बच्चे लापता हो गये। बाद में उनके शव गैपुरा क्षेत्र स्थित लेहड़िया बंधी में पाये गये। परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया। ये तीनों बालक आपस में चचेरे भाई थे और इनकी उम्र 13-14 साल की थी।
जांच के दौरान एडीजी ने आवश्यक निर्देश देते हुए पुलिस से कहा कि पास पड़ोस के किसानों, ग्रामीणों और चरवाहों से जानकारी इकट्ठा करें और मामले का अविलंब खुलासा करें। इसमें किसी प्रकार की ढिलाई नहीं होगी। एडीजी ने मौके पर मृतक बच्चों के पिता मुन्ना तिवारी, राकेश तिवारी और राजेश तिवारी से भी मामले की पूरी जानकारी ली। बच्चों की अन्य गतिविधियों और पढ़ाई के बारे में भी पूछताछ किए। एडीजी ने बच्चों के कपड़े से संबंधित बातें की और पुलिस अधीक्षक से पूछा कि क्या बच्चों के कपड़े में खून लगा हुआ था। इस पर एसपी ने बताया कि कपड़ों में खून के निशान नहीं लगे थे।
पुलिस ने इस मामले में अज्ञात के खिलाफ अपहरण व हत्या का मामला दर्ज किया है। पहले तीनों बालकों के डूबने से मौत होने की आशंका जताई गई थी। बाद में परिवार के लोगोें ने आंख निकालकर हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने की मांग को लेकर मीरजापुर रीवा मार्ग पर लहंगपुर के पास जाम कर दिया था। एसपी अजय कुमार सिंह ने आंख निकाले जाने की बात को अफवाह बताया। उन्होंने कहा कि मामले के खुलासे के लिये टीम गठित कर दी गई है। जल्द ही इसका पर्दाफाश करेंगे।
जिला अधिकारी सुशील कुमार पटेल और पुलिस अधीक्षक अजय कुमार सिंह ने परिजनों को आश्वस्त किया है कि इस जघन्य हत्याकांड का पर्दाफाश शीघ्र किया जाएगा इसमें किसी प्रकार की प्रशासनिक कोताही नहीं होगी। एडीजी जोन ब्रिज भूषण ने घटनास्थल का मुआयना करने और परिजनों व ग्रामीणों से बातचीत के बाद लालगंज में पत्रकारों को बताया कि इस तरह की पहली घटना है। इसे पुलिस चुनौती के रूप में ले रही है। शीघ्र ही इसका खुलासा किया जाएगा। बच्चों की आंख गायब होने व बदन पर चाकू के निशान के संबंध में एडीजी ने कहा कि इस मामले में डॉक्टर से बात करने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि आंखें निकाली गई हंै या किसी जानवर ने खाया है।