माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ ‘बी वारंट’ पर पंजाब सरकार की मेडिकल बोर्ड बनी ‘रक्षक’

लखनऊ(हि.स.)। प्रदेश के प्रयागराज स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहे एक मुकदमे में पंजाब के रोपड़ जिले की जेल में बंद उत्तर प्रदेश के बाहुबली माफिया कहे जाने वाले विधायक मुख्तार अंसारी के विरुद्ध वारंट भी जारी हुआ। बी वारंट के आधार पर उप्र सरकार मुख्तार अंसारी को वापस प्रदेश की जेल में लाना चाहती है लेकिन पंजाब के मेडिकल बोर्ड की टीम अंसारी के लिए रक्षक बनकर खड़ी हो गई है। 

 पंजाब सरकार के मेडिकल बोर्ड में शामिल रोपण (रूपनगर) सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ पवन कुमार, सिविल सर्जन डॉक्टर एचएन शर्मा और स्पेशल मेडिसिन के डॉ राजीव अग्रवाल की तरफ से मुख्तार अंसारी की मेडिकल रिपोर्ट बनाई गई है। इस मेडिकल रिपोर्ट में बताया गया है कि मुख्तार अंसारी मधुमेह और अवसाद जैसी बीमारी से ग्रसित हैं इस कारण से उन्हें 3 महीने का बेड रेस्ट मिलना ही चाहिए। 
 मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर मुख्तार अंसारी के अधिवक्ताओं ने उत्तर प्रदेश के एमपी एमएलए कोर्ट में 3 माह तक मुख्तार के पेश ना होने की स्थिति में हाजिरी माफी स्वीकार करने की अपील कर सकते हैं। वहीं समूचे घटनाक्रम में मुख्तार अंसारी के खेमे के अधिकांश लोग चुप्पी साध लिए हैं। जबकि कुछ लोगों का दबी जुबान में कहना है कि वारंट बी के बाद उत्तर प्रदेश की जेल में आने पर मुख्तार अंसारी की जान को खतरा है।
 बता दें कि उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों मुख्तार अंसारी के गिरोह के लोगों पर एक के बाद एक शिकंजा कसा गया है। इस दौरान बहुत सारे अवैध निर्माणों को उठाया गया एवं अवैध रूप से चल रहे कार्यों को पूर्णविराम लगा दिया गया है। 
 

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