मानहानि मामले में भाजपा नेता मनोज तिवारी और विजेंद्र गुप्ता को सुप्रीम कोर्ट से राहत
नई दिल्ली (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेताओं मनोज तिवारी और विजेंद्र गुप्ता को अंतरिम राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से दायर मानहानि केस में चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने केस रद्द करने की मांग पर मनीष सिसोदिया को नोटिस जारी किया है। दोनों नेताओं ने दिल्ली में स्कूल भवनों के निर्माण में सिसोदिया पर घपले का आरोप लगाया था।
दिल्ली हाईकोर्ट ने 17 दिसंबर, 2020 को मनीष सिसोदिया की ओर से दायर आपराधिक मानहानि के मामले में ट्रायल कोर्ट की ओर से जारी समन के खिलाफ भाजपा सांसद मनोज तिवारी और विधायक विजेंद्र गुप्ता की याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ मनोज तिवारी और विजेंद्र गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मनोज तिवारी, विजेंद्र गुप्ता, मनजिंदर सिंह सिरसा, हरीश खुराना, हंसराज हंस और प्रवेश वर्मा के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दायर किया है। 28 नवंबर, 2019 को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में तिवारी समेत छह नेताओं के खिलाफ समन जारी किया था।
सिसोदिया की याचिका में कहा गया है कि मनोज तिवारी समेत छह नेताओं ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों की कक्षाओं के निर्माण में भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाए हैं। सिसोदिया ने कहा है कि इन नेताओं ने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में झूठे आरोप फैलाए और हमारी छवि खराब करने की कोशिश की।याचिका में कहा गया है कि इन नेताओं ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों के कक्षाओं के निर्माण में दो हजार करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया है।
एक जुलाई, 2019 को मनोज तिवारी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाया था कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है। मनोज तिवारी ने एक आरटीआई के हवाले से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री सिसोदिया पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। मनोज तिवारी ने कहा था कि जो क्लासरूम 892 करोड़ रुपये में बन सकते थे उनके निर्माण में दो हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च किया गया। तिवारी ने आरोप लगाया था कि इस काम के लिए 34 ठेकेदारों को ठेका दिया गया था, जिसमें कुछ मंत्रियों के रिश्तेदार भी शामिल हैं। तिवारी ने केजरीवाल और सिसोदिया के इस्तीफे की मांग की थी। सिसोदिया ने इसे लेकर इन नेताओं को अपने बयान वापस लेने के लिए लीगल नोटिस भी भेजा था।
Submitted By: Dadhibal Yadav Edited By: Pawan Kumar Srivastava