माघ मेला : कोरोना पर भारी पड़ती आस्था, संगम पर स्नान को उमड़ी भीड़
मंगलवार के दिन मौनी अमावस्या का विशेष महत्व
प्रयागराज (हि.स.)। माघ मेला क्षेत्र में मौनी अमावस्या के पावन पर्व पर कोरोना महामारी पर आस्था भारी पड़ती नजर आई। रविवार से ही श्रद्धालुओं का जो आना सिलसिला जारी हुआ, आज भी जारी है। भारी संख्या में स्नानार्थियों की भीड़ गंगा किनारे बने कुल 12 घाटों पर स्नान के लिए जुटी है। साथ ही अपनी मनोकामना प्राप्ति के लिए पूजा-अर्चना भी जारी है।
श्रद्धालुओं का मानना है कि आज मौनी अमावस्या के दिन जो भी स्नान ध्यान करता है उसके कई जन्मों के पापों का नाश हो जाता है और साथ ही आज मंगलवार का दिन है। ऐसा दिन अमृत के समान है। सौ सालों में भी इस तरह का योग देखने को नहीं मिलता है।
इस अवसर पर पुलिस प्रशासन के व्यवस्था की बात की जाए तो चप्पे-चप्पे पर पुलिस निगरानी कर रही है। वाहनों को बकायदा वाहन स्टैंडों पर खड़ा करने की व्यवस्था है और डायवर्जन की समुचित व्यवस्था की गई है। ताकि किसी भी श्रद्धालु या स्थानार्थी को किसी भी प्रकार की समस्या ना होने पाए। मेला प्रशासन के मुताबिक सोमवार को कुल 45 लाख लोगों ने स्नान किया था और मंगलवार को सुबह दस बजे तक एक अनुमान के अनुसार लगभग 25 लाख लोगों ने स्नान कर लिया है।
माघ मास की मौनी अमावस्या की प्रतीक्षा श्रद्धालुओं को साल भर से रहती है। क्योंकि इस दिन संगम स्नान से जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इस वर्ष माघ मेला 641 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है और कोरोना के चलते इसके व्यापक इंतजाम किए गए हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार मौनी अमावस्या पर उदया तिथि में ब्रह्ममुहुर्त से स्नान शुरू हो गया, जो दिन में सवा ग्यारह बजे तक रहेगा।
विद्या कान्त