मां विंध्यवासिनी के जयकारे से गूंजायमान हो उठा विंध्यधाम, कूष्मांडा रुप को निहारा

मीरजापुर(हि.स.)। शारदीय नवरात्र के चौथे दिन मां विंध्यवासिनी के दर्शन-पूजन के लिए दूर-दूर से भक्त विंध्यधाम पहुंचे। भक्तों ने मां विंध्यवासिनी के चौथे स्वरुप कूष्मांडा का दर्शन पूजन विधि-विधान से किया। मां की एक झलक पाने के लिए भोर से ही भक्तों की लाइन लग गई थी।

मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए खंडे भक्त बीच-बीच में मां का जयकारा लगा रहे थे। जयकारे के बीच भक्तों में उत्साहवर्धन हो रहा था। मां कूष्मांडा जिस तरह से भक्तों को धैर्य का दामन नहीं छोड़ने की प्रेरणा देती हैं, उसी प्रकार भक्त लाइन में खड़े होने के बावजूद मां का जयकारा लगाकर अपने को उनकी भक्ति में तल्लीन किए हुए थे। मंदिर जाने के प्रमुख चार मार्ग पक्का घाट, कोतवाली रोड, न्यू वीआईपी और पुरानी वीआईपी मार्ग पर अच्छी व्यवस्था की गई थी।

नवरात्र के चौथे दिन भोर में मां विंध्यवासिनी की विधि-विधान से मंगला आरती हुई। मंगला आरती के दौरान वैदिक मंत्रोच्चार से पूरा विंध्यधाम गूंजायमान हो उठा। मां के मंगला आरती से दर्शन पूजन शुरु हुआ। विंध्याचल स्थित न्यू वीआईपी, पुरानी वीआईपी सहित अन्य गलियों में भक्तों की भारी भीड़ दर्शन पूजन के लिए उमड़ी। साथ ही अष्टभुजा व कालीखोह में भी भारी संख्या में भक्त मां के दर्शन की लालसा से पहुंच रहे थे। मां के दर्शन पूजन के बाद लोगों का काफिला त्रिकोण यात्रा काे निकल रहा था। लोगों की आस्था में किसी प्रकार की कमी नहीं थी। विंध्यधाम की गलियां हो या फिर मां अष्टभुजा व कालीखोह का मार्ग सभी पर मां के भक्त श्रद्धाभाव से मां का जयकारा लगाते निरंतर आगे बढ़ रहे थे।

कमलेश्वर शरण/पदुम नारायण

error: Content is protected !!