महिलाओं के लिए अभिशाप बन रहा मोटापा, हार्मोन असंतुलन बना कारण

थायराइड से भी मोटापे बढ़ने के मामले बढ़ रहे

वाराणसी (हि.स.)। मोटापा से महिला व पुरुष दोनों को कई परेशानियां होती हैं। इससे जहां ब्लड प्रेशर और जाड़े में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है। वहीं, महिलाओं को अनियमित मासिक, गर्भपात और बांझपन जैसी समस्या से भी जूझना पड़ता है। यह कहना है पं. दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय स्थित एमसीएच विंग की डॉ. ज्योति ठाकुर का। डॉ. ज्योति बताती है कि महिलाओं के शरीर में वजन बढ़ने का सबसे बड़ा कारण होता है हार्मोन असंतुलन। इससे महिलाओं के शरीर में कोलेस्ट्रोल का लेवल अधिक होने लगता है। इस कारण वह मोटापाग्रस्त हो जाती हैं। इसके अलावा आजकल महिलाएं जंकफूड का सेवन करना अधिक पसंद करती हैं। इस कारण भी उनके शरीर का वजन बढ़ने लगता है। उनकी सेहत भी धीरे-धीरे खराब होने लग जाती है। उन्होंने बताया कि आजकल थायराइड से भी मोटापे बढ़ने के मामले दिख रहे हैं। इस मोटापे से महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर होता है। जो दिल का दौरा पड़ने में काफी सहायक होता है। मोटापा मासिक चक्र को भी प्रभावित करता है। इससे गर्भधारण के पहले और बाद में कई समस्याएं होती हैं। मोटापे से कई बार तो समय से पहले प्रसव का खतरा और बाझपन की समस्या भी हो जाती है।

कैसे कम करें मोटापा

डॉ. ज्योति कहती हैं कि मोटापा कम करने के लिए संतुलित आहार लेना चाहिए। भोजन पेट भर कर नहीं बल्कि नियमित अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा भोजन करना चाहिए। ज्यादा मसालेदार और मीठे आहारों के सेवन से बचना चाहिए। मोटापा बढ़ाने में चीनी का काफी हाथ होता है। आहार में ताजे फलों और सब्जियां, अंकुरित अनाज और गर्म दूध का सेवन करना चाहिए। मक्खन, मलाई या पनीर आदि के अधिक सेवन से बचना चाहिए। सुबह उठते ही नीबू के साथ एक या दो गिलास गुनगुना पानी पीना चाहिए। इससे मेटाबॉलिक सिस्टम सही से काम करने में मदद मिलेगी। 24 घंटे में कम से कम 15 मिनट कोई ऐसी कसरत जरूर करनी चाहिए जिससे पसीना निकले। उन्होंने बताया कि नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस)-5 के अनुसार वाराणसी में मोटापे की शिकार महिलाओं की संख्या बढ़ी है। वर्ष 2015-16 में एनएफएचएस-4 की रिपोर्ट में यह जहां 18.1 थी वहीं 2020-21 में आयी एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट में 22.6 तक पहुंच गयी है।

श्रीधर

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