महामारी पर यूपी सरकार को फटकार : हाईकोर्ट ने कहा-कोरोना का भूत सड़कों पर मार्च कर रहा, लोगों की जिंदगी भाग्य भरोसे
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में कोरोना तेजी से फैल रहा है। इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण से निपटने के सरकारी तौर तरीकों पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि सरकार माई-वे या नो-वे का रास्ता छोड़े और लोगों के सुझावों पर भी अमल करे। नागरिकों को ऑक्सीजन न दे पाना शर्मनाक है। हाईकोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि कोरोना का भूत गली, सड़क पर दिन-रात मार्च कर रहा है। लोगों का जीवन भाग्य भरोसे है। डर से सड़कें, गलियां रेगिस्तान की तरह सुनसान पड़ी हैं। शहरी आबादी कोरोना की चपेट में है। जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजित कुमार की बेंच ने मंगलवार को कोरोना के मामले से जुड़ी एक पिटीशन पर सुनवाई करते हुए यह कमेंट किए। साथ ही सबसे ज्यादा प्रभावित 9 शहरों के लिए कई सुझाव भी दिए हैं। इन पर अमल करने और सचिव स्तर के अधिकारी के हलफनामे के साथ 3 मई तक रिपोर्ट पेश करने के लिए भी कहा है। इस केस की अगली सुनवाई भी उसी दिन होगी।
अदालत ने कहा- सरकारी इंतजाम नाकाफी
अदालत ने कहा कि भारी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं और जीवन बचाने के लिए बेड की तलाश में अस्पतालों का चक्कर लगा रहे हैं। अस्पताल मरीजों की जरूरत पूरी करने में असमर्थ हैं। डॉक्टर, स्टाफ थक चुके हैं। जीवन रक्षक दवाओं, इंजेक्शन की मारामारी है। ऑक्सीजन की मांग के मुताबिक सप्लाई नहीं हो रही। कई लोग नकली दवाएं बेचते पकड़े जा रहे हैं। सरकार के इतंजाम नाकाफी हैं। इस मामले में सरकार की तरफ से कहा गया कि संक्रमण को काबू करने के लिए हरसंभव उपाय किए गए हैं। गृह सचिव ने एफिडेविट दाखिल कर अभी तक किए गए उपायों की जानकारी दी है। इसके मुताबिक प्रदेश को 857 मीट्रिक टन आक्सीजन अलॉट हुई है। आक्सीजन की कमी को खत्म करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। सप्लाई के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है।
कोविड गाइडलाइंस को लेकर चुनाव आयोग को भी नोटिस
हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि पंचायत चुनाव के दौरान सरकार की गाइडलाइंस का पालन क्यों नहीं किया गया, जिसकी वजह से चुनाव ड्यूटी कर रहे 135 लोगों की मौत की खबर है। कोर्ट ने पूछा कि क्यों न आयोग के खिलाफ आपराधिक केस चलाया जाए। कोर्ट ने बचे हुए चुनाव में गाइडलाइंस का पालन करने का निर्देश भी दिया है।