महामंडलेश्वर भवानीनंदन यति के 26वें चातुर्मास महानुष्ठान की पूर्णाहुति 20 को
700 वर्ष प्राचीन सिद्धपीठ हथियाराम मठ से जुड़े देश के कोने-कोने से शिष्य श्रद्धालुओं का होगा जमावड़ा
द्वादश ज्योतिर्लिंग के साथ ही पशुपतिनाथ तक आयोजित हो चुका है चातुर्मास व्रत
गाजीपुर (हि.स.)। सिद्धपीठ हथियाराम मठ के 26वें पीठाधीश्वर व जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज द्वारा लगातार दो माह से किए जा रहे चातुर्मास महानुष्ठान की पूर्णाहुति 20 सितम्बर, दिन सोमवार को किया जाएगा। इस अवसर पर सिद्धपीठ से जुड़े देश के कोने-कोने से शिष्य श्रद्धालुओं सहित गणमान्य से जनसामान्य तक विद्वत जन संत महात्माओं की उपस्थिति रहेगी।
अध्यात्म जगत में एक तीर्थ स्थल के रूप में विख्यात सिद्धपीठ हथियाराम मठ के 26वें पीठाधीश्वर श्री यति जी द्वारा सिद्धपीठ की गद्दी पर आसीन होने के साथ ही अपने गुरुजनों की प्रेरणा से उनके ही मार्ग का अनुसरण करते हुए चातुर्मास अनुष्ठान का संकल्प लिया गया।
उन्होंने देश के कोने-कोने में स्थित भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग स्थानों पर लगातार 2 माह तक प्रवास कर इस अनुष्ठान को पूरा किया। इसके साथ ही उन्होंने नेपाल की धरती पर स्थित पशुपतिनाथ भगवान मंदिर व अन्य तीर्थ स्थलों पर अपना चातुर्मास अनुष्ठान पूरा किया। फिलहाल उनके द्वारा पिछले कुछ वर्षों से सिद्धपीठ हथियाराम मठ पर ही चातुर्मास अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है।
आषाढ़ पूर्णिमा (गुरुपूर्णिमा) तिथि पर गुरुपूजा के साथ शुरू हुए इस अनुष्ठान की पूर्णाहुति भादो पूर्णिमा के अवसर पर 20 सितंबर सोमवार को सिद्धपीठ पर किया जाएगा।
इस दौरान काशी के प्रकांड वैदिक विद्वान सुरेश जी त्रिपाठी के आचार्यत्व में पूर्णाहुति महायज्ञ किया जायेगा। इस अवसर पर संत सभा का आयोजन किया गया है। जिसमें भाग लेने के लिए जूना अखाड़ा के कई महामंडलेश्वर संत वैदिक विद्वान व सामाजिक हस्तियों का आगमन शुरू हो गया है। इसके नियमित सिद्धपीठ पर सारी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।
महामंडलेश्वर जी बोले- कोरोना कोविड प्रोटोकॉल का पालन को प्राथमिकता
जानकारी देते हुए महामंडलेश्वर स्वामी श्री यति जी महाराज ने बताया कि सिद्धपीठ पर होने वाले पूर्णाहुति समारोह में कोविड प्रोटोकॉल का पूर्णतः पालन किया जाएगा। प्राचीन परंपरा अनुसार यज्ञ की पूर्णाहुति कार्यक्रम की जाएगी। लेकिन शिष्य श्रद्धालुओं के साथ ही सभी लोगों द्वारा कोविड प्रोटोकाल का पालन अनिवार्य रूप से किया जाएगा।