महाकुम्भ 2025 को भव्य एवं दिव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

-कुम्भ क्षेत्र की योजनाओं को धरातल पर उतारने का प्रयास तेज

-पहली बार कुम्भ में 25 हजार श्रद्धालुओं के ठहरने को बनेगा “गंगा-पंडाल“

प्रयागराज (हि.स.)। संगमनगरी में लगने जा रहे महाकुम्भ को लेकर योगी सरकार की तरफ से युद्ध स्तर पर तैयारियां चल रही हैं। एक तरफ जहां महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए क्षेत्र का विस्तार किया गया है तो वही श्रद्धालुओं के ठहरने से लेकर अन्य सुविधाओं को नए स्वरूप में विकसित किया जा रहा है।

-कुम्भ क्षेत्र का 4 हजार हेक्टेयर में विस्तार

प्रयागराज में 2019 में आयोजित कुम्भ में देश-विदेश से आए 19 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की संख्या के बाद 2025 में आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ में प्रशासन काे 40 करोड़ से अधिक लोगों के आने का अनुमान है। कुम्भ मेला अधिकारी विजय किरन आनंद के मुताबिक आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए इस बार कुम्भ क्षेत्र के बसावट में बदलाव किया गया है। उनके मुताबिक योगी सरकार ने फैसला किया है कि इस बार कुम्भ में बसने वाले मेले का विस्तार 4000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में किया जाएगा। पिछले कुम्भ में मेला क्षेत्र को 3200 हेक्टेयर क्षेत्र में बसाया गया था।

-क्षेत्र में पूरक व्यवस्थाओं का भी विस्तार

महाकुम्भ में क्षेत्र विस्तार के साथ इससे सम्बंधित पूरक व्यवस्थाओं में भी बदलाव किया गया है। कुम्भ मेला अधिकारी बताते हैं कि इस बार संगम की रेती पर संगम, अरैल से लेकर फाफामऊ के बीच 25 सेक्टर में महाकुम्भ बसाया जाएगा। अलग-अलग सेक्टर का क्षेत्रफल भी विस्तारित किया जाएगा। मेला क्षेत्र के एक सेक्टर से दूसरे सेक्टर जाने के लिए गंगा नदी में बनाए जाने वाले पॉन्टून पुल की संख्या में भी इस बार बढ़ोतरी होगी। महाकुम्भ के लेआउट प्लान के अनुसार इस बार आठ अतिरिक्त पैंटून पुल बनाए जाएंगे। पिछली बार 22 पैंटून पुल बने थे, जबकि इस बार 30 पैंटून पुलों का निर्माण होगा।

-स्वच्छता प्रबंधन पर रहेगी नजर

योगी सरकार महाकुम्भ को स्वच्छता मॉडल के रूप में दुनिया के सामने प्रस्तुत करने की तैयारी कर रही है। कुम्भ मेला अधिकारी बताते हैं कि इसके लिए 1.45 लाख शौचालय बनाए जाएंगे। साथ ही क्षेत्र में 10 हजार सफाई कर्मी भी लगाए जाएंगे। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 25 हजार डस्टबिन, 800 सफाई गैंग और आईसीटी बेस्ड मॉनिटरिंग सिस्टम भी प्रस्तावित किया गया है। इसे मेला प्राधिकरण की ओर से स्वीकृति मिल चुकी है।

-पहली बार 25 हजार श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए बनेगा “गंगा-पंडाल“

महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को क्षेत्र में ठहरने के लिए भी योगी सरकार खास इंतजाम कर रही है। कमिश्नर प्रयागराज विजय विश्वास पंत के मुताबिक महाकुम्भ के लिए टेंटेज के प्रस्ताव पर भी सैद्धांतिक सहमति बन गई है। इसके अंतर्गत 25,000 श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए 10 हजार बेड का “गंगा पंडाल“ बनाने का प्रस्ताव है। इसमें संतों-भक्तों के ठहरने की सुविधा होगी।

पर्यटन विभाग की तरफ से महाकुम्भ में बसाए जाने वाले टेंट सिटी के लिए ई निविदा जारी कर दी गई है। विभाग की तरफ से नौ प्रकार की निविदा मांगी गई है। इसके साथ ही निविदा आवेदन में चयनित एजेंसियों पर ही टेंट सिटी के निर्माण के साथ ही उसके प्रबंधन की जिम्मेदारी होगी।

-इसमें 60 दिनों तक रहेगी दो हजार बेड की व्यवस्था

मेले में देश-विदेश से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को ठहराने के साथ ही सुव्यवस्थित तरीके से स्नान, ध्यान के इंतजाम करने की तैयारी है। इसके लिए पर्यटन विभाग ने अरैल में 100 हेक्टेयर में टेंट सिटी सजाने की तैयारी की है। इसमें करीब 60 दिनों तक दो हजार बेड की व्यवस्था होगी। टेंट सिटी के लिए कुम्भ मेला प्राधिकरण अरैल में 100 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध कराएगा।

-पर्यटकों के लिए कई अन्य सुविधाएं

पर्यटन विभाग की तरफ से तैयार कराए जाने वाले टेंट सिटी में विला, सुपर डीलक्स और डीीलक्स श्रेणी में अलग-अलग सुविधाएं मिलेंगी। इसमें पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए फूड कोर्ट, वैलनेस सेंटर, यज्ञशाला आदि की भी व्यवस्था रहेगी। इसके साथ ही पर्यटन विभाग महाकुम्भ में आने वाले पर्यटकों के लिए कई अन्य प्रकार की सुविधाएं देने की तैयारी में है। जिससे पर्यटकों के लिए यह मेला दिव्य और भव्य होने का अनुभव दे सके। इसे पूरा करने के लिए अक्टूबर 2024 तक का समय निर्धारित किया गया है।

विद्या कान्त/सियाराम

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