मंदिरों का एकत्रीकरण समाज को जोड़ेगा, राष्ट्र को बनाएगा समृद्ध : मोहन भागवत

– संघ प्रमुख ने काशी में तीन दिवसीय इंटरनेशनल टेंपल्स कन्वेंशन एंड एक्सपो का किया उद्घाटन

वाराणसी (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित दुनियाभर के मंदिर प्रमुखों के तीन दिवसीय महासम्मेलन- इंटरनेशनल टेंपल्स कन्वेंशन एंड एक्सपो का शनिवार को उद्घाटन किया।

महासम्मेलन में जुटे देश-विदेश के मंदिर प्रमुखों और अन्य प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए डॉ. भागवत ने कहा कि मंदिर हमारी सनातनी परंपरा का अभिन्न अंग हैं। पूरे समाज को एक लक्ष्य लेकर चलाने के लिए मठ-मंदिर चाहिए। मंदिर हमारी प्रगति का सामाजिक उपकरण है। मंदिर में आराधना के समय आराध्य का पूर्ण स्वरूप होना चाहिए। मंदिर में शिक्षा मिले, संस्कार मिले, सेवा भाव हो और सबको प्रेरणा मिले। समाज की चिंता करने वाला मंदिर होना चाहिए। सभी मंदिर का एकत्रीकरण समाज को जोड़ेगा, ऊपर उठाएगा, राष्ट्र को समृद्ध बनाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन का लक्ष्य एक ही है, हमारा कर्म और धर्म, यह लोक भी ठीक करेगा और परलोक भी।

संघ प्रमुख ने काशी विश्वनाथ धाम का खास तौर पर उल्लेख कर कहा कि कुछ मंदिर समाज के हाथ में हैं, कुछ मंदिर सरकार के हाथ में हैं। सरकार के हाथ में ऐसे मंदिर भी हैं जो अच्छे चल रहे हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर देखकर आइए उसका स्वरूप कैसा हो गया। करने वाले सरकार के लोग हैं, लेकिन वह भक्ति के साथ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर केवल पूजा नहीं, मोक्ष और चित्त सिद्धि का स्थल है। उन्होंने कहा कि देश के छोटे स्थान पर छोटे से छोटे मंदिर को समृद्ध बनाना है। हमें हर गली की छोटी-छोटी मंदिरों की सूची बनानी चाहिए। वहां रोज पूजा हो, सफाई रखी जाए।

महासम्मेलन के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता और सार्वजनिक वितरण मामलों के राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि हर सनातनी का घर एक मंदिर है। मंदिर ही ऊर्जा है। इन मंदिरों को जोड़कर भारत को हम दोबारा विश्वगुरु बनाएंगे। मंदिरों को जोड़कर मानस को सांस्कृतिक रूप से एक करेंगे। मंदिर जुड़ेंगे तो मन भी जुड़ेंगे।

महासम्मेलन में वाराणसी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संदेश पढ़कर सुनाया गया। इसके पहले इंटरनेशनल टेंपल्स कन्वेंशन एंड एक्सपो के चेयरमैन और अन्य पदाधिकारियों ने अतिथियों का स्वागत किया। महासम्मेलन में 41 देशों के हिन्दू, सिख, बौद्ध और जैन धर्म के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। इसमें मंदिर की सुरक्षा, संरक्षण व निगरानी, फंड प्रबंधन, आपदा प्रबंधन, स्वच्छता और पवित्रता के साथ ही साथ साइबर हमलों से सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) टेक्नोलॉजी का उपयोग और एक सुदृढ़ मंदिर समुदाय को बढ़ावा देने पर विमर्श होगा।

श्रीधर/राजेश/पवन

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