भ्रामक विज्ञापन मामले में पतंजलि ने बिना शर्त मांगी माफी

– सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा, भविष्य में ऐसा नहीं होगा

नई दिल्ली (हि.स.)। भ्रामक विज्ञापन मामले में पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बिना शर्त माफी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में आचार्य बालकृष्ण ने विज्ञापन पर खेद प्रकट करते हुए कहा है कि विज्ञापन में जो अपमानजनक वाक्य हैं उन पर हमें खेद है।

आचार्य बालकृष्ण ने पतंजलि के फॉर्मूलेशन के चमत्कारी क्षमताओं के बारे में दिए गए उन भ्रामक दावों पर बिना शर्त माफी मांगी जो आधुनिक चिकित्सा पर संदेह पैदा करते हैं। आचार्य बालकृष्ण ने खेद प्रकट करते हुए कहा कि उस विज्ञापन में केवल सामान्य बयान ही शामिल किए गए थे और अनजाने में आपत्तिजनक वाक्य भी शामिल हो गए। पतंजलि आयुर्वेद की ओर से बालकृष्ण ने 21 नवंबर 2023 को दिए गए आदेश में दर्ज किए गए बयान के उल्लंघन के लिए कोर्ट में माफीनामा दाखिल करते हुए कहा कि उनकी तरफ से भविष्य में भी ऐसे विज्ञापन जारी न किया जाना सुनिश्चित करेंगे।

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस का जवाब नहीं देने पर आचार्य बालकृष्ण को 2 अप्रैल को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया था। साथ ही कोर्ट ने बाबा रामदेव को भी कारण बताओ नोटिस जारी कर 2 अप्रैल को पेश होने को कहा है।

संजय/ संजीव/पवन

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