भारतीय नागरिक ने अमेरिका में डार्क वेब के जरिये मादक पदार्थ बेचने का आरोप स्वीकारा
वाशिंगटन (हि. स.)। अमेरिका में डार्क वेब के माध्यम से खतरनाक मादक पदार्थ बेचने के आरोप को 40 वर्षीय भारतीय नागरिक के स्वीकार करने के बाद मुश्किलें बढ़ गई है। ब्रिटेन से प्रत्यर्पित भारतीय नागरिक बनमीत सिंह इसके साथ ही क्रिप्टोकरेंसी में लगभग 15 करोड़ अमेरिकी डॉलर पर अपना अधिकार छोड़ देगा।
अमेरिकी न्याय विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, उत्तराखंड के हल्द्वानी के बनमीत सिंह ने फेंटेनाइल, एलएसडी, एक्स्टसी, जैनैक्स, केटामाइन और ट्रामाडोल सहित नियंत्रित पदार्थों को बेचने के लिए डार्क वेब मार्केटप्लेस पर विक्रेता विपणन साइट बनाईं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि ग्राहकों ने इन साइट का उपयोग करके और क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से भुगतान करके बनमीत सिंह से नियंत्रित पदार्थ का ऑर्डर दिया। विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके बाद सिंह ने व्यक्तिगत रूप से यूएस मेल या अन्य शिपिंग सेवाओं के माध्यम से यूरोप से अमेरिका तक दवाओं को भेजा या इसी व्यवस्था की।
न्याय विभाग के आपराधिक प्रभाग के कार्यवाहक सहायक अटॉर्नी जनरल निकोल एम अर्जेंटीना ने कहा, बनमीत सिंह और उनके जैसे तस्कर सोचते हैं कि वे डार्क वेब पर गुमनाम रूप से काम कर सकते हैं और सजा से बच सकते हैं। इस दोष स्वीकारोक्ति याचिका में लगभग 15 करोड़ अमेरिकी डॉलर पर अधिकार छोड़ना शामिल है जो क्रिप्टोकरेंसी में है। यह अर्जी यह दर्शाती है कि न्याय विभाग अमेरिकी कानून का उल्लंघन करने वाले अपराधियों को जवाबदेह ठहराएगा, चाहे वे अपनी गतिविधि कैसे भी छिपायें। अप्रैल 2019 में बनमीत को लंदन में गिरफ्तार किया गया था और 2023 में उसे अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया। उसे आठ वर्ष जेल की सजा भुगतनी होगी। हालांकि सजा को लेकर अभी कोई तिथि निर्धारित नहीं की गई है।
अजीत तिवारी/प्रभात