भाकियू प्रवक्ता राकेश ने दी आत्महत्या की धमकी, अनशन पर बैठे
-जिला प्रशासन का किसानों को अल्टीमेटम, आज रात तक खाली करें गाजीपुर बॉर्डर
-स्थानीय लोगों ने किया किसान आंदोलन का विरोध, प्रदर्शन कर गाजीपुर बॉर्डर के रास्तों को खाली करने को कहा
-भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के खिलाफ नोटिस चस्पा किया, जवाब को 3 दिन का दिया समय
-दिल्ली हिंसा के बाद किसान आंदोलन की धार हुई कुंद, बैकफुट पर आए किसान संगठन
गाजियाबाद (हि.स.)। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर को खाली करने को लेकर गुरुवार को पुलिस और प्रशासन के दबाव के बाद आत्महत्या करने की धमकी दी है। वह अपने साथियों के साथ वहां पर अनशन पर बैठ गए हैं। भाकियू प्रवक्ता ने कहा कि जिला प्रशासन के लोगों ने उनकी पानी-बिजली आदि सुविधाओं को भी बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक उनके गांव से पानी नहीं आएगा तब तक वे गाजियाबाद का पानी भी नहीं पीएंगे।
आज देर शाम हुए ताजा घटनाक्रम के अनुसार किसान नेता और भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत पर जिला प्रशासन और पुलिस ने मंगलवार को गणतंत्र दिवस पर दिल्ली और लाल किले पर हुई हिंसा के बाद गाजीपुर बॉर्डर को खाली कराने को लेकर अपना दबाव बढ़ा दिया है। इसको लेकर उन्होंने आत्महत्या की चेतावनी देने के साथ अनशन पर बैठ पर गए हैं। साथ ही उन्होंने भाजपा के विधायकों पर भी गुंडागर्दी करने का आरोप लगाया हैे।
इससे पहले जिला प्रशासन ने कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों को जहां गुरुवार रात तक बॉर्डर खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया है वहीं आज दोपहर बाद भारी संख्या में पुलिस और आरएएफ के जवानों ने फ्लैग मार्च किया। इससे पहले वहां पर स्थानीय लोगों ने गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड निकालने को लेकर दिल्ली और लाल किले पर की गई हिंसा के विरोध में किसान आंदोलन का विराेध कर नारेबाजी की और जल्द बॉर्डर के रास्तों को खाली करने की चेतावनी दी। यही नहीं सुबह से बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल के पहुंचने के बाद यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि जिला प्रशासन कोई कार्रवाई कर सकता है।
विभिन्न किसानों के गणतंत्र दिवस पर मंगलवार को निकाली गई ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली और लाल किले पर की गई हिंसा ने न केवल किसानों की छवि पर बट्टा लगा दिया वरन इसको लेकर कुछ किसानों ने अपना आंदोलन भी वापस ले लिया है। यहीं नहीं आज दोपहर बाद स्थानीय लोगों ने भी गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड निकालने के दौरान दिल्ली और लाल किले पर की गई हिंसा को लेकर गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के विरोध में प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की और किसानों को जल्द बॉर्डर के रास्तों को खाली करने की चेतावनी दी। इससे पूर्व गाजीपुर बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के खिलाफ नोटिस चस्पा दिया है और उन्हें जवाब देने को 3 दिन का समय दिया है।
पिछले दो महीने से भी अधिक समय से केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बाॅर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन की धार मंगलवार को गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली और लाल किले पर हुई हिंसा के बाद बुधवार कुंद हो गई है। किसान बैकफुट पर आ गए हैं और अपने घरों को उन्होंने लौटना शुरू कर दिया है।
रात्रि में उनकी लाइट बिजली भी काट दी गई थी जिस कारण किसान काफी विचलित दिखाई दिए। किसानों का उत्साह कम हुआ है हालांकि राकेश टिकैत ने दंभ भरते हुए कहा है कि वे समन का जवाब देंगे। वे जेल जाने से नहीं डरते हैं। राष्ट्रीय लोकदल के प्रवक्ता इंद्र जीत सिंह टीटू ने केंद्र सरकार से दिल्ली में हुई हिंसा की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है साथ ही कहा है कि किसानों का उत्पीड़न नहीं होना चाहिए।
गाजीपुर बॉर्डर पर मंडलायुक्त से लेकर जिलाधिकारी तक डेरा जमाए हुए हैं। साथ ही मौके पर भारी संख्या में पुलिस डटा हुआ है। बॉर्डर पर दोपहर बाद जिस तरह से हलचल तेज हुई है। उससे अंदाज लगाया जा रहा है बॉर्डर को किसानों से कभी भी खाली कराया जा सकता है। मौके पर भारी संख्या में बसें भी खड़ी कर दी गई हैं।
गाजीपुर बॉर्डर मेरठ मंडल की आयुक्त अनीता मेश्राम, एडीजी राजीव सब्बरवाल, आईजी प्रवीण कुमार, जिलाधिकारी डॉ. अजय शंकर पांडे एसएसपी कलानिधि नैथानी मौके पर डटे हुए हैं और पल-पल की नजर रख रहे हैं ।
Submitted By: Ramanuj Sharma