भक्तों ने पंचमी पर किए स्कंदमाता के दर्शन, लखनऊ में बह रही है देवी भक्ति की गंगा

लखनऊ (हि.स.)। शारदीय नवरात्र की पचंमी तिथि, रविवार को स्कंदमाता की जय-जयकार हुई। आदिशक्ति माता दुर्गा अपने पांचवे स्वरूप में मां स्कंदमाता के स्वरूप में पूजित है। यह कार्तिकेय की माता है। कार्तिकेय का एक नाम स्कंद भी है। इस कारण यह माता जगत में स्कंदमाता के स्वरूप में आराधित है। लखनऊ शहर में देवी भक्ति की गंगा बह निकली है और भक्त उसमें डूबने का लालायित है। मंदिरों में नित्य माता का नए रूप में श्रृंगार किया जा रहा है। माता की छवि के दर्शन कर भक्त आनंदित हो रहे है। सोमवार को षष्ठी तिथि का पूजन किया जाएगा।

बख्शी का तालाब स्थित 51 शक्तिपीठ में रोज नवीन वर्ण में माता का श्रृंगार किया जा रहा है। पंचमी तिथि पर माता का श्रृंगार हरे रंग में किया गया। हरे रंग में माता की छवि बहुत दिव्य लग रही थी। यह एक प्रतिष्ठित मंदिर है और शहर में अपनी तरह एक अकेला ही मंदिर है। शास्त्रीनगर स्थित श्रीदुर्गा जी मंदिर में पंचमी पर खिलौनों से श्रृंगार किया गया। यहां के सेवादार सनोज मिश्रा ने बताया कि इस मंदिर में ऐसी चीजों से श्रृंगार किया जाता है जो काम आ सके। जैसे खिलौने, मेवे, फल-सब्जियां यहां तक की मसालों से भी मंदिर में श्रृंगार किया होता है।

उधर चौपटियां स्थित संदोहन देवी मंदिर में भक्तों ने माता को गरूड़ पर विराजित स्वरूप के दर्शन किए। यहां माता का श्रृंगार का लाल परिधान में किया गया। शाम को मंदिर में माता की चौकी आयोजित की गई। जिसमें भक्त माता के भजन सुनकर भावविभोर हो गए। ठाकुरगंज स्थित मां पूर्वी देवी मंदिर में माता का रोज दिव्य श्रृंगार हो रहा है। इसके अलावा अन्य मंदिरों में भी देवी की श्रृंगार किए जा रहे है।

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