बैंक भी राजनीति के चंगुल में : रालोद

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। रालोद का कहना है कि बैंक भी राजनीति के चंगुल में हैं। जिस तत्परता से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते से जालसाजी से निकाले गए छह लाख रुपये एसबीआई द्वारा वापस उनके खाते में जमा करा दिये गये क्या उतनी ही तत्परता से आज तक किसी सामान्य नागरिक के खाते से निकाले गये रुपये एसबीआई ने वापस कराये हैं? 
रालोद के राष्ट्रीय सचिव अनुपम मिश्र ने मंगलवार को यहां कहा कि आम जनता किस प्रकार जीवन भर खप कर कुछ हजार या लाख रुपये अपने बचत खाते में बचा-बचा कर जमा करती है और जालसाज वह पैसे बैंको की टेक्टिनकल कमजोरी के कारण उनके खाते से निकाल लेते हैं। खाताधारक जीवन भर की कमाई गंवा कर थाने और बैंकों के चक्कर काटते रहते हैं। सालों तक उनके पैसे उन्हें वापस नहीं मिलते। जबकि ट्रस्ट के सम्बन्ध में ऐसा नहीं हुआ और बैंक ने तत्परता दिखाते हुये बिना रिकवर किये ही वह पैसा ट्रस्ट के खाते में जमा करा दिया। इससे दो सन्देहों  का जन्म होता है। प्रथम बैंक यदि चाहे तो पैसा तत्काल रिकवर करा सकता है और उपभोक्ता को उसका पैसा तत्काल वापस प्राप्त हो सकता है। दूसरा कानून सक्षम, समर्थ के लिए दूसरा है और सामान्य जन के लिए दूसरा है। यह जांच का विषय है। कहीं ऐसा तो नहीं बैंकों के द्वारा जालसाज़ों द्वारा हड़पा गया धन रिकवर करने के बाद भी उन्हें वापस न किया जा रहा हो ?

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