बेहतर होगा टीकाकरण माइक्रोप्लान, तभी योजना चढ़ेगी परवान
डब्ल्यूएचओ की ओर से नियमित टीकाकरण के माइक्रोप्लान पर कार्यशाला आयोजित
जानकी शरण द्विवेदी
गोंडा। शहर के एक होटल में स्वास्थ्य विभाग व डब्ल्यूएचओ के समन्वय से नियमित टीकाकरण के लिए माइक्रोप्लान को गुणवत्तापूर्ण बनाने को लेकर सोमवार को जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें जनपद के समस्त सीएचसी अधीक्षक, ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर (बीपीएम) व ब्लॉक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (बीसीपीएम) को नियमित टीकाकरण के माइक्रोप्लान को मजबूत बनाने पर प्रशिक्षित करते हुए प्रत्येक गांव की सभी गर्भवती महिलाओं एवं शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों को टीकाकरण माइक्रोप्लान में शामिल करने पर जोर दिया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आरएस केसरी ने कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कहा कि नियमित टीकाकरण सरकार का बहुत ही अहम कार्यक्रम है। कोरोना काल में यह कार्यक्रम प्रभावित भी हुआ था। सरकार का अब इस पर विशेष ध्यान है। हमें ऐसा माइक्रोप्लान तैयार करना होगा, जिसमें सबकुछ स्पष्ट रहे, जैसे कितने बच्चों व गर्भवतियों को टीके लगने हैं। कौन-कौन से टीके लगने हैं, कितने सत्र आयोजित होंगे, वैक्सीन की उपलब्धता केंद्र पर कैसे होगी आदि। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि माइक्रोप्लान बेहतर होगा, तो टीकाकरण कार्यक्रम भी अच्छे से चलेगा। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एपी सिंह ने बताया कि शून्य से दो वर्ष तक के छूटे हुए बच्चों का नियमित टीकाकरण शत-प्रतिशत कराया जाए। उन्होंने कहा कि आमजन के स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए आवश्यक है कि बच्चों और महिलाओं का टिटनेस, टीबी, काली खांसी, गल घोंटू, तपेदिक, दिमागी बुखार, पीलिया, पोलियो, निमोनिया व खसरा जैसी जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत असमय टीकाकरण सुनिश्चित कर लिया जाए।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ विनय डांगे ने बताया कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में शत-प्रतिशत उपलब्धि हांसिल करने में बेहतर माइक्रोप्लान की भूमिका अहम होती है। उन्होंने प्रतिभागियों को उपकेंद्रवार, ब्लॉकवार व जनपद स्तरीय माइक्रोप्लान तैयार करने पर विस्तार से जानकारी दी। यूनिसेफ डीएमसी शेषनाथ सिंह ने नियमित टीकाकरण के लिए कम्युनिकेशन प्लान बनाने और उसके अंतर्गत माता बैठक, धर्मगुरु बैठक, ग्राम प्रधान, कोटेदार, वार्ड मेंबर व स्थानीय स्तर के अन्य जनप्रतिनिधियों के माध्यम से संचार की आवश्यकता और उपयोगिता पर विस्तृत जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने प्रतिरोधी परिवारों के नियमित रूप से चिह्नीकरण और उन प्रतिरोधी परिवारों के नियमित फॉलोअप के महत्व एवं कोल्ड चेन मैनेजमेंट पर प्रतिभागियों का संवेदीकरण किया। चाई के जिला समन्वयक सत्येंद्र कुमार ने टीकाकरण डाटा अपडेशन और रिपोर्टिंग के साथ सहयोगात्मक पर्यवेक्षण एप के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में डिप्टी सीएमओ डॉ टीपी जायसवाल, डॉ आशुतोष शुक्ला, डॉ शैलेंद्र सिंह, डॉ पूजा जायसवाल, डॉ एसपी वर्मा, डीसीपीएम डॉ आरपी सिंह, डीपीएम अमरनाथ, एआरओ अरुण श्रीवास्तव, जिला मातृ स्वास्थ सलाहकार डॉ आमिर खान, सी-फार के जिला समन्वयक रवि मोहन तिवारी व आरकेएसके के जिला समन्वयक रंजीत सिंह राठौर, रितेश कुमार मिश्रा व तरुण श्रीवास्तव समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
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महत्वपूर्ण सूचना
जिले के युवा जिलाधिकारी डा. उज्ज्वल कुमार और नवागत सीडीओ गौरव कुमार की अगुवाई में जिले में बड़े बदलाव की कोशिशें शुरू कर दी गई हैं। यह दोनों युवा अधिकारी Transforming Gonda के नारे के साथ जिले के चाल, चरित्र और चेहरे में आमूल चूल परिवर्तन लाना चाहते हैं। जिले के विकास के लिए शुरू की गई अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं इसी दिशा में किए जा रहे कोशिशों का परिणाम है। आगामी 21 जून को जब पूरा विश्व योग दिवस मना रहा होगा, तब योग के प्रणेता महर्षि पतंजलि की जन्म स्थली पर इन दोनों अधिकारियों ने कुछ विशेष करने का निर्णय लिया है। लक्ष्य है कि जिले की करीब एक तिहाई आबादी को उस दिन योग से जोड़ा जाय। इस क्रम में अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस को सफल बनाने के लिए जनपद के ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए YOGA DAY GONDA नाम से एक फेसबुक पेज बनाया गया है। जिला प्रशासन की तरफ से जरूरी सूचनाएं, गतिविधियों आदि की जानकारी व फोटोग्राफ इत्यादि इसी पेज पर शेयर किए जाएंगे। कृपया आप इसका महत्वपूर्ण हिस्सा बनते हुए इससे जुड़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके पेज को LIKE करें तथा अपने परिचितों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।
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जानकी शरण द्विवेदी
सम्पादक
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