बिहार के कटिहार में गंगा-कोशी खतरे के निशान ऊपर

कटिहार (हि.स.)। बिहार में कटिहार जिले के कुर्सेला, मनिहारी व अमदाबाद प्रखंड से होकर गुजरने वाली गंगा नदी खतरे की निशान से ऊपर बह रही है। गंगा नदी की जलस्तर में लगातार वृद्धि होने की वजह से कुर्सेला एवं मनिहारी अनुमंडल क्षेत्र की कई गांव गंगा नदी में विलय हो गया है। खासकर नदी किनारे बसे लोगों की नींद उड़ गई है। ना जाने कब घर व खेत गंगा की कटाव से बह जाए।

कदवा, आजमनगर, प्राणपुर तथा अमदाबाद प्रखंड से होकर गुजरने वाली महानंदा नदी के जलस्तर में थोड़ी कमी आने से इस क्षेत्र के लोगों की परेशानी कुछ कम हुई है। परंतु नदी किनारे रहने वाले लोगों में बाढ़ को लेकर भय बना हुआ है।

बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, कटिहार से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार गुरुवार सुबह 06 बजे गंगा नदी रामायणपुर में खतरे के निशान 27.56 मी. से ऊपर 27.97मी पर बह रही है। इसी तरह काढ़ागोला घाट में 29.87 मी. से ऊपर 31.03 मी. पर बह रही है। जबकि ब्रांडी नदी एनएच-31 डूमर के पास 30.60 मी. से ऊपर 31.55 मी., कारी कोशी चैन 389 के पास 28.51 मी. से बढ़ कर 29.10 मी. तथा कोसी नदी कुर्सेला रेलवे ब्रिज के पास 30.00 मी. से बढ़ कर 31.28 मी. पर बह रही है।

कदवा, आजमनगर, प्राणपुर तथा अमदाबाद प्रखंड से होकर गुजरने वाली महानंदा नदी के जलस्तर में बीते शाम 06 बजे से आज (गुरुवार) सुबह 06 बजे तक कमी आई है। महानंदा नदी झौआ में खतरे की निशान 31.40 मी. से निचे 29.90 मी. पर बह रही है। इसी तरह बहरखाल में 31.09 मी. से निचे 29.70, आजमनगर में 29.89 मी. से निचे 29.08, धबोल में 29.26 मी. से निचे 28.65, कुर्सेल में 31.40 मी. से निचे 29.98, दुर्गापुर में 28.05 मी. से निचे 27.35, तथा गोविंदपुर में 27.13 मी. से निचे 27.12 मी. पर बह रही है।

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