बिकरु कांड के खौफ से उबरने के लिए चौबेपुर पुलिस ने किया हवन यज्ञ

– सोशल मीडिया में वायरल हुआ वीडियो, घंटों बैठे रहे फरियादी

– तत्कालीन थानाध्यक्ष और हल्का इंचार्ज जेल में हैं बंद, पूरा थाना हो चुका है सस्पेंड

कानपुर(एजेंसी)। सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या की घटना बिकरु कांड के 60 दिन पूरे होने के बाद भी स्थानीय थाना चौबेपुर की पुलिस खौफ से उबर नहीं पा रही है। कांड के अंतिम आरोपित की गिरफ्तारी के बाद थाना पुलिस ने काफी राहत महसूस की और मंगलवार को इस खौफ से उबरने के लिए हवन यज्ञ कर थाने को शुद्धिकरण किया गया। इस दौरान फरियादी घंटों बैठे रहे और उनकी ओर किसी भी पुलिस वाले ने ध्यान नहीं दिया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। हालांकि पुलिस अधिकारी इसे सामान्य हवन-पूजन करने की बात कह रहे हैं।

चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव में दो जुलाई की रात पुलिस टीम ने हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने के लिए दबिश दिया था। इस दौरान विकास दुबे और उसके गुर्गों ने पुलिस टीम पर हमला कर सीओ देवेन्द्र मिश्रा समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। यह घटना देश-दुनिया की सुर्खियां बन गई थी और हमले के मुख्य आरोपित विकास दुबे और उसके सहयोगियों की तलाश में पुलिस जुट गई थी। सात दिन के अंदर एसटीएफ और पुलिस टीम ने मुख्य आरोपित विकास दुबे समेत छह अभियुक्तों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। वहीं अब तक कुल 35 अभियुक्तों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है। बीते सोमवार को पुलिस आखिरी आरोपित रामू बाजपेयी को गिरफ्तार किया था। घटना की जांच एसआईटी और न्यायिक आयोग कर रहा है। अंतिम गिरफ्तारी होने के बाद चौबेपुर पुलिस ने काफी राहत की सांस ली और बिकरु कांड से उबरने के लिए आज थाने को शुद्धिकरण के लिए हवन यज्ञ कराया गया। हालांकि पुलिस इसे सामान्य हवन पूजन बता रही है, पर वायरल हो रहे वीडियो में यह संदेश साफ जा रहा है कि बिकरू कांड के बाद चौबेपुर थाना पुलिस डरी सहमी हुई है।

 जेल में हैं तत्कालीन थानाध्यक्ष


बिकरु कांड के बाद विकास दुबे और चौबेपुर थाना पुलिस का गठजोड़ उभरकर सामने आ गया। मामले में तत्कालीन थानाध्यक्ष विनय तिवारी और हल्का इंचार्ज केके शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ और जेल में बंद हैं। इसके साथ ही थाने के अन्य पुलिस कर्मियों की मिलीभगत सामने आने पर दारोगा और सिपाहियों को भी जांच के बाद निलंबित कर दिया गया था। इस तरह जांच में भूमिका संदिग्ध देखकर पूरा थाना संस्पेंड करके नई तैनातियां की गई थीं। इसके बाद से नया स्टॉफ थाने में कार्य कर रहा है। घटना के बाद से लगातार अधिकारी और एसआईटी से लेकर न्यायिक आयोग जांच के लिए थाने पहुंच रहे हैं, जिससे नये स्टॉफ के मन से बिकरु कांड का खौफ निकल नहीं पा रहा है। 

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