बाराबंकी में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म-हत्याकांड योगी सरकार के लिए शर्मनाक : अजय लल्लू
-पीड़ित परिवार से मिलीं आराधना मिश्रा, कहा पीड़ित परिजनों को आवास तथा 50 लाख की मिले आर्थिक मदद
लखनऊ (हि.स.)। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने राज्य में हो रही सिलसिलेवार महिलाओं और बच्चियों के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटनाओं पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि विभिन्न घटनाओं सहित जनपद बाराबंकी में सामूहिक दुष्कर्म के बाद हुई दलित नाबालिग किशोरी की हत्या योगी सरकार के लिए बेहद शर्मनाक है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कहीं भी हमारी बहन बेटियों की अस्मिता सुरक्षित नहीं रह गयी है। अभी गोण्डा में घर के अन्दर सोते समय तीन मासूम बेटियों पर तेजाब डालकर अपराधियों द्वारा जलाने की कोशिश की गयी, वहीं झांसी में घटी घटना ने प्रदेशवासियों के रोंगटे खड़े कर दिये हैं। ये घटनाएं साबित करती हैं कि प्रदेश में अपराधियों पर सरकार और पुलिस का कोई भय नहीं रह गया है। जंगलराज कायम हो गया है।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि प्रदेश में जंगलराज का सबसे बड़ा उदाहरण कल बलिया में दिखा, जहां एसडीएम, पुलिस क्षेत्राधिकारी, बीडीओ और पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में भाजपा कायकर्ता ने जिस प्रकार गोली मारकर एक व्यक्ति की हत्या कर दी और आसानी से पुलिस प्रशासन ने उसे वहां से फरार होने का अवसर दिया, वह इस बात की तस्दीक करती है कि योगी सरकार में अपराधियों को संरक्षण प्राप्त है और अपराधियों के अन्दर कानून का कोई खौफ नहीं रह गया है।
वहीं कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ ने आज एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए बाराबंकी के सतरिख क्षेत्र में दलित नाबालिग किशोरी के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के पीड़ित परिजनों से मुलाकात की और उनका दर्द बांटा। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिजन बहुत ही गरीब और असहाय हैं। मृतक का पिता दिहाड़ी मजदूर है और रहने के लिए एक टूटा फूटा छप्पर के अलावा कुछ नहीं है। ऐसे में इस प्रकार की बड़ी विपदा ने उस परिवार को तोड़कर रख दिया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पीड़ित परिजनों की हर संभव सहयोग और मदद करने की कोशिश कर रही है। लेकिन, सरकार का सबसे बड़ा दायित्व है कि ऐसे अवसर पर अड़तालीस घण्टे के अन्दर दुष्कर्म के सभी आरोपितों को गिरफ्तार करे, फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाया जाए जिससे दोषियों को शीघ्र सजा हो सके, इस पूरे घटना की न्यायिक जांच करायी जाए और पीड़ित परिजनों की दशा को देखते हुए एक आवास एवं 50 लाख की आर्थिक मदद व कुछ भूमि इन्हें पट्टे पर दिया जाना अविलम्ब सुनिश्चित करे।