बलिया : जिलाधिकारी ने जनसुनवाई के दौरान तीन लेखपालों को सस्पेंड किया
– वरासत के लंबित प्रकरण को लेकर सम्पूर्ण समाधान दिवस में लेखपालों पर हुई कार्रवाई
– जनसुनवाई के दौरान जिलाधिकारी के तेवर दिखे तल्ख
बलिया (हि.स.)। सम्पूर्ण समाधान दिवस में जनसुनवाई के दौरान मंगलवार को जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही के तेवर काफी तल्ख दिखे। फरियादियों की फरियाद सुन जिलाधिकारी इस कदर नाराज हुए कि वरासत के मामले वर्षों तक लंबित रखने पर तीन लेखपालों को सस्पेंड करने का फरमान सुना दिया। इसमें एक लेखपाल को तो उन्होंने जनसुनवाई के दौरान ही सस्पेंड कर दिया।
वहीं, आईजीआरएस पोर्टल पर निस्तारित कई शिकायतों के स्थलीय सत्यापन के लिए जिलाधिकारी ने आधा दर्जन अधिकारियों की टीम भेजी। यह टीम रिपोर्ट देगी और अगर कहीं गलत निस्तारण किया गया मिला तो सम्बन्धित अधिकारी-कर्मचारी पर विभागीय कार्रवाई होगी।
सम्पूर्ण समाधान दिवस में कुल 99 मामले आए, जिनमें पांच का निस्तारण मौके पर कराया गया। वहीं शेष शिकायतों को सम्बन्धित अधिकारियों को त्वरित निस्तारण के लिए सौंपा गया। करची के शिकायतकर्ता रामाकांत ने प्रार्थना पत्र दिया कि मेरा वरासत का मामला निस्तारित नहीं किया जा रहा है। इस पर जिलाधिकारी ने लेखपाल लल्लन राम को तलब किया। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर तत्काल सस्पेंड करने का आदेश जारी कर दिया।
वहीं, माल्देपुर निवासी हृदयनारायण राय ने भी छह वर्ष से वरासत रोके रखने की शिकायत की। इस बावत पूछताछ करने के बाद जिलाधिकारी ने पूर्व में वहां तैनात लेखपाल राजकुमार श्रीवास्तव व वर्तमान में तैनात हरेंद्र सिंह को निलंबित करने के लिए एसडीएम को निर्देशित किया।
समाधान दिवस में अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जनता की शिकायत हम सबकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। कोई भी शिकायत आए, चाहे वह छोटी हो या बड़ी, पूरी गंभीरता से लें। अविवादित वरासत जैसे सामान्य मामले वर्षों तक लम्बित रहना लेखपाल-कानूनगों की लापरवाही साफ स्पष्ट करता है। उन्होंने समस्त कानूनगों व लेखपाल को चेतावनी दी है कि विभागीय कार्रवाई से बचना है तो ऐसी लापरवाही न बरते।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन ताडा ने भी पुलिस से सम्बन्धित समस्याओं को सुना और मातहतों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। सम्पूर्ण समाधान दिवस में एएसपी संजय कुमार, डिप्टी कलेक्टर सर्वेश यादव व सीमा पांडेय, नायब तहसीलदार जया सिंह, एसओसी चकबंदी धर्मराज यादव समेत अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।
सभी कानूनगों का रोका वेतन
जनसुनवाई के दौरान डीएम श्री शाही ने पैमाइश से सम्बन्धित वादों के निस्तारण की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने पाया कि अधिकांश मामलों में कानूनगों की रिपोर्ट तक नहीं लगी है। इस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई और सभी कानूनगों का वेतन रोकने का आदेश जारी कर दिया। उन्होंने कहा कि यह वेतन तब तक नहीं मिलेगा, जब तक कि इनकी प्रगति में सुधार नहीं हो जाता। अगले महीने, यानि जनवरी तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर जनवरी महीने में अपेक्षित प्रगति नहीं मिली तो सम्बन्धित कानूनगों के निलंबन की कार्रवाई होगी।