बलिया खाद्यान्न घोटाले का आरोपी पूर्व बीडीओ ईओडब्लू के हत्थे चढ़ा

वाराणसी (हि.स.)। जनपद बलिया में वर्ष 2002 और 2005 के मध्य केन्द्र सरकार की ओर से चलाई गई सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना में खाद्यान्न घोटाले का चर्चित आरोपी पूर्व बीडीओ रामफेर राम आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन वाराणसी (ईओडब्लू) के हत्थे चढ़ गया। 
 मंगलवार को ईओडब्लू के एसपी डी प्रदीप कुमार ने आरोपित को मीडिया के सामने पेश किया। उन्होंने बताया कि सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना में ग्रामीण परिवारों अति निर्धन, गरीब बाल श्रमिकों के माता-पिता को रोजगार देकर खाद्यान्न और नकद धनराशि का भुगतान होना था। लेकिन वितरण के लिये जिम्मेदार सीडीओ और ग्राम्य विकास से जुड़े अधिकारियों ने नियमों और मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए व्यक्तिगत लाभ के उद्देश्य से दुरभि संधि कर, छल कपट से, अभिलेखों में कूटरचना कर खाद्यान्न और नकद धनराशि का दुरूपयोग किया। 
 उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपित रामफेर राम वर्ष 2002 से 2005 के दौरान जनपद बलिया के हनुमानगंज ब्लॉक पर खण्ड विकास अधिकारी के पद पर नियुक्त थे। इस ब्लॉक के विभिन्न गांवों में सरकारी योजनाओं के तहत मिट्टी,नाली निर्माण,खडंजा, पटरी मरम्मत, सम्पर्क मार्ग,सीसी और पुलिया निर्माण का कार्य कराया गया।
  बीडीओ ने अधिकारियों और कोटेदारों से मिलकर पेमेंट आर्डर, मास्टर रोल और खाद्यान्न वितरण रजिस्टर में कूटरचना कर मजदूरों के फर्जी हस्ताक्षर बनवाये थे। साथ ही, मास्टर रोल में मजदूरों के फर्जी नाम और पत्ता भी लिखे गए थे। इनके द्वारा विकास कार्यो में मानकों का उल्लंघन कर लगभग 14.50 लाख का खाद्यान और 15.80 लाख का नकद भुगतान केवल कागज में फर्जी तरीके से दिखाकर धनराशि का गबन कर लिया था। 
 इस मामले में थाना सुखपुरा, बलिया में मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। टीम इस मामले की छानबीन करने के साथ आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए लगातार प्रयास कर रही थी। आरोपी पिछले 05 वर्षों से सेवानिवृत होने के बाद अपने मूल निवास स्थान पर न रहकर लुक छिपकर अपना ठिकाना जनपद अमेठी के करमौली थानांतर्गत बनाया था। 
 सटीक सूचना पर निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा के नेतृत्व में गठित टीम निरीक्षक अरविन्द कुमार, आरक्षी शशिकान्त सिंह और आरक्षी विनीत पांडेय ने आरोपी को सर्किट हाउस, भोजूबीर के पास से गिरफ्तार कर लिया। 

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