बलरामपुर :सफर-ए-इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की याद में मरहूम सैय्यद मसूद हुसैन रिजवी के अजाखाने में एक मजलिस का आयोजन हुआ।
रोहित कुमार गुप्ता
उतरौला बलरामपुर। सफर-ए-इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की याद में शुक्रवार को उतरौला के मोहल्ला रफी नगर स्थित मरहूम सैय्यद मसूद हुसैन रिजवी के अजाखाने में एक मजलिस का आयोजन हुआ।
मजलिस से पूर्व अनीस उतरौलवी, नश्शन उतरौलवी, अली सफदर उतरौलवी ने अपना कलाम पेश किया।
मजलिस को मौलाना मोहम्मद अली ने खेताब किया। बाद मजलिस जुलूस -ए – अमारी निकाला गया जो मुख्य मार्ग से होता हुआ कस्बा चौकी के बगल से मोहल्ला सुभाष नगर होते हुए पटेल नगर मरहूम यावर हुसैन के इमामबाड़े में समाप्त हुआ।
मजलिस को मौलाना मोहम्मद अली साहब ने खेताब करते हुए कहा कि आज ही के दिन 28 रजब सन 60 हिज़री को इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम अपने 71 साथियों व परिवार के साथ अपने नाना रसूलअल्लाह के शहर मदीना को छोड़कर उनका दीन बचाने के लिए कर्बला के लिए रवाना हुए थे। जो कि 6 माह का सफ़र तय करते हुए 2 मोहर्रम सन 61 हिजरी को सर जमीन- ए- कर्बला पहुंचे थे। अंत में उन्होंने हजरत इमाम हुसैन और उनके बहत्तर साथियों की शहादत का जिक्र किया तो सभी की आंखें नम हो गई। जुलूस में अंजुमन कमर-ए-बनी हाशिम के साहबे बयाज मास्टर शारिब, अली हसन जाफ़र उतरौलवी शहज़ादे जाफ़री, अली जाफ़री, मुसय्यब जाफरी ने पुरदर्द नौहे पढ़े। जिस पर मातमदारो ने मातम कर अकीदत पेश किया।
जुलूस में अलम, अमारी व ज़ुल्जेनाह के साथ भारी संख्या में लोगों ने नौहा ख्वानी व सीनाजनी की। जुलूस में मौलाना सिब्ते हैदर, मौलाना जायर अब्बास, मेहंदी सज्जाद, ऐमन रिज़वी,समीर रिजवी, हेलाल रिजवी,नुसरत हुसैन, जावेद रिज़वी ,खुशहाल रिज़वी, नेहाल रिज़वी, शाज़िब रिज़वी, सैफ अली रिज़वी, मोजिद हुसैन, फहीम रिज़वी, आदिल हुसैन, आरिफ़ रिज़वी, हैदर रिज़वी, रज़ा हसन, सैय्यद अली रिज़वी, राशिद रिज़वी, अनीसुल हसन एडवोकेट, नजीब हैदर एडोकेट, सबील रिज़वी, हसनैन अली आब्दी, ज़करिया रिज़वी, मोनू रिज़वी फूलमियां आदि लोग मौजूद रहे। इसी क्रम में उतरौला के ग्राम अमया देवरिया के मस्जिद ए मोहम्मदी में अंजुमन हुसैनिया के बैनर तले सफर -ए- इमाम हुसैन अलैहिस्सला के अवसर पर एक मजलिस का आयोजन किया गया। जिसको जलालपुर से आए मौलाना फरमान हैदर ने खेताब किया। बाद मजलिस जुलूस -ए – अमारी बरामद हुआ जो गांव में गश्त करता हुआ दरगाह हजरत अब्बास अलमदार के रौज़े पर समाप्त हुआ।