बलरामपुर :सड़क किनारे हादसे के स्रोत बन ग‌ए पशुओं का झुंड

रोहित गुप्ता
उतरौला/बलरामपुर
एक समय था जब हर किसी के चहेते व दिलों पर राज करने वाले पशु हुआ करते थे।वह किसानों के लिए खेती किसानी के अंग थे,लेकिन आज बदलते समय और वक्त के साथ अब लोगों की आंखों के किरकरी बन ग‌ए हैं।पेट भरने के लिए किसानों की खून पसीने की कमाई पलक झपकते ही सफाया कर देते हैं। यही नहीं रहने का ठौर नही तो जहां मिला अपना आसियाना बना दिया,जिससे सड़क किनारे हादसे के स्रोत बन ग‌ए।अधिकतर सड़क दुर्घटना में लोग चोटिल होकर अपना जान भी गवां देते हैं।ऐसा ही नजारा उतरौला बलरामपुर -मार्ग का है जहां पशुओं का झुंड बेपरवाह सड़क पर डेरा जमाए बैठे हैं।

भले ही सरकार ने गौआश्रय केंद्र का निर्माण कराया,लाखो रूप‌ए खर्च किए इसके बावजूद गौ आश्रय केंद्र की अपेक्षा सड़कों अथवा खेतों में अड्डा जमा करने में गुरेज नहीं।कभी पशुओं की लोग सेवा सत्कार कर उनका पालन कर रहे थे,आज उन्ही पशुओं से फसलों को बचाने के लिए दिन रात फसलों की रखवाली कर रहे हैं।दुधारू पशु गौवंश आज तकदीर को कोसते हुए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं,जो हर किसी के आंखों में किसी कांटे की भांति चुभते नजर आ रहे हैं।

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