Sunday, December 14, 2025
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बलरामपुर :एक शाम अब्दुल करीम मेमोरियल हॉस्पिटल एंड हरीम ट्रामा सेंटर के नाम

रोहित गुप्ता
उतरौला बलरामपुर।
“एक शाम अब्दुल करीम मेमोरियल हॉस्पिटल एंड हरीम ट्रामा सेंटर के नाम, पर डॉक्टर अब्दुल रहीम सिद्दीकी की कयादत में महफिले शेरो अदब के उनवान से एक महफ़िल का एहतेमाम किया गया। जिसमें देश के मशहूर व मारूफ शायरों ने शिरकत किया। मुशायरे की सदारत डॉक्टर तारिक व निज़ामत शायर अकमल बलरामपुरी ने किया। शायर शेहाब नौमानी की नात पाक से मुशायरा का आगाज किया गया। शायर आमिर आमरी, फखरुल इस्लाम, अख्तर इलाहाबादी, असद बस्तवी, शेहाब नोमानी, फैज खलीलाबादी, आलम निजामी, राज उतरौलवी, शुजा उतरौलवी, अकमल बलरामपुरी, अफजल इलाहाबादी ने महफिले शेरो अदब में अपना चुनिंदा कलाम पेश किया। अफजल इलाहाबादी ने अपने कलाम “मेरी तामीर मुकम्मल नहीं होने देता, कोई बुनियाद हिलाता है चला जाता है, से लोगों को बेपनाह मुतास्सिर किया,और वाह वाही लूटी। शायर आलम निजामी ने “फिर आफताब कहां अपनी रोशनी बांटे, नए चिरागों में हुस्न तलब नहीं होता ,पर श्रोताओं ने जमकर दाद दी। असद बस्तवी ने पढ़ा ” जानते हैं की साजिश होनी है, मगर दोस्तों की नवाजिश है क्या कीजिए” ने लोगों को खूब लुभाया। अख्तर इलाहाबादी ने पढ़ा ” किसी की शख्सियत पर उंगलियां कैसे उठाऊं मैं, मुझे तो अपने अंदर ही कमी महसूस होती है, की जमकर सराहना हुई। शुजा उतरौलवी ने
पत्थर के मकानों के मकीं भी हुए पत्थर
इससे तो ग़रीबी में बहुत अच्छे थे, हम लोग
बातों में मुहब्बत थी हर एक दिल थे मुलायम
जब कच्चे मकानों में रहा करते थे हम लोग पर खूब तालियां बटोरी। आमिर आमरी ने अभी तो पी भी नहीं है, अभी से क्यों मेरे कदम पर कदम लड़खड़ाए जाते हैं। फखरुल इस्लाम ने एक जरा सी हरकत पर लड़ लिए पड़ोस से, हमने अपने बच्चों की गलतियां नहीं देखी। सुनकर लोगों के चेहरे चमक उठे। अकमल बलरामपुरी का शेर “किसी ने प्यार से अपना तुझे बनाया था, किसी के इश्क ने रास्ते पे तुझको छोड़ा था, को सुनकर पूरी महफ़िल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। अंत में सभी शायरों व मेहमानों को शाल ओढ़ाकर मुसायरे का समापन किया गया। पूर्व बसपा प्रत्याशी रामप्रताप वर्मा, गोल्डन स्कूल के प्रबंधक मोहम्मद कासिम, डॉ अफ्फान डॉ नसीबुल्लाह , डॉ बाबर सिद्दीकी, मुगीस शेख, डॉ हबीबुल्लाह, अल्ताफ अहमद, खेसाल सिद्दीकी, कफील अब्बास रिजवी, सलमान जमशेद, कलीमुल्लाह, आमिर निजाम, शोएब सिद्दीकी, अफसर सिद्दीकी, बासित खान समेत भारी संख्या में लोग मौजूद रहे

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