बढ़ते प्रदूषण ने चमकाया इन्हेलर कम्पनियों का कारोबार, 20 से 25 प्रतिशत बिक्री बढ़ी

गाजियाबाद (हि.स.)। लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के कारण भले ही आम लोगों को सांस तक लेने में परेशानी हो रही हो, लेकिन इन्हेलर बनाने वाली कम्पनियों का कारोबार चमक गया है। एक अनुमान के मुताबिक पिछले कुछ दिनों के दौरान इन्हेलर का कारोबार 20 से 25 प्रतिशत बढ़ गया है। जिससे इन्हें बनाने वाली कम्पनियों की बल्ले-बल्ले हो गयी है। मौजूदा समय में बाजार में अलग-अलग कंपनियों के इन्हेलर 150 रुपये से 500 रुपये तक बिक रहे हैं।

पिछले कुछ दिनों से एनसीआर समेत गाजियाबाद की हवा भी पूरी तरह से जहरीली हो चुकी है। जिसका नतीजा यह है कि लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है इसी के चलते अस्पतालों में सांस के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। आंकड़ों पर नजर डालें तो गाजियाबाद में गुरुवार को एमजी व संयुक्त जिला अस्पताल में 700 से ज्यादा मरीज ऐसे पहुंचे जिन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। जिसमें 50 से अधिक मरीज को को अस्थमा का दौरा पड़ा था। इनमें से 40 को तत्काल ऑक्सीजन देनी पड़ी। इसी तरह निजी अस्पतालों वह चिकित्सकों के यहां भी सांस के तकलीफ से परेशान रोगियों को आना जारी है।

प्रतिरोधी तंत्र की प्रतिक्रिया से हो रही खांसी

वरिष्ठ नाक, कान व गला रोग विशेषज्ञ डॉ. बीपी त्यागी का कहना है कि संक्रामक रोगाणु से निपटने की प्रक्रिया शरीर का प्रतिरोधक तंत्र गले से शुरू होता है। यहां रोगाणु और प्रतिरोधी कोशिकाओं की आपसी लड़ाई से गले में खराश और सांस लेने की नली में बैचेनी और जलन हो रही है। प्रदूषण के कण गले में रुकने से सूजन और सूखी खांसी आ रही है। इससे बचाव का बेहतर तरीका है कि गले को तर रखें और फ्रिज में रखी हुई किसी भी चीज का प्रयोग करने से बचें।

दवा कारोबारी योगेश शर्मा कहते हैं कि प्रदूषण के कारण सांस के मरीज की संख्या लगातार बढ़ रही है। साथ ही ऑक्सीजन का लेवल घट रहा है। यही वजह है कि इन्हेलर की मांग लगातार बढ़ गई है और 20 से 25 प्रतिशत पिछले कुछ दिनों के दौरान इसमें वृद्धि हुई है। इसके अलावा मास्क, कफ सीरप की बिक्री में भी बढ़ोतरी हुई है।

फरमान अली

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