फ्रांस से विमान वापसी का मामला, पूछताछ में कबूला- निकारागुआ से अवैध रूप से जाने वाले थे अमेरिका

-अवैध रूप से अमेरिका जा रहे 18 गुजरातियों के बयान दर्ज

-फ्रांस ने मानव तस्करी की आशंका में विमान भारत लौटाया था

अहमदाबाद (हि.स.)। गुजरात के रहने वाले उन 21 लोगों ने सीआईडी क्राइम ब्रांच में की पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं जो उस जहाज में सवार थे, जिसे मानव तस्करी के मामले में फ्रांस ने वापस मुंबई भेज दिया था। पुलिस ने इनमें से 18 लोगों के बयान दर्ज किए। ये सभी मेहसाणा, पाटण और गांधीनगर के बताए गए हैं।

यात्रियों से पूछताछ में पता चला है कि वे सभी निकारागुआ से अवैध रूप से अमेरिका जाने वाले थे। फ्रांस ने इस विमान को न सिर्फ अपने हवाईअड्डे पर रोका, बल्कि मानव तस्करी की आशंका जताते हुए सभी यात्रियों को बैरंग भारत वापस कर दिया। इस विमान में गुजरात से 21 यात्री समेत भारत के कई दूसरे राज्यों के लोग सवार थे।

पूछताछ में खुलासा हुआ कि अमेरिका पहुंचने के लिए एजेंटों के साथ बड़ी डील की गई थी। अवैध रूप से अमेरिका पहुंचने के लिए प्रत्येक व्यक्ति से 40 लाख रुपये से लेकर 1.25 करोड़ रुपये की सौदेबाजी की गई थी। पूरे रुपये एक साथ देने के बजाए अमेरिका पहुंचने पर देने की बात पहले से तय थी। इस डील में यात्रियों के साथ एजेंट भी घाटे में रहे। यात्री अमेरिका नहीं पहुंच सके तो एजेंट को उनके रुपये नहीं मिल पाए।

योजना के अनुसार गुजरात के 21 यात्री मध्य अमेरिकी देश निकारागुआ के जरिए अमेरिका में प्रवेश करने वाले थे। ये सभी अलग-अलग तरीके से दुबई पहुंचे थे। इसके बाद सभी निकारागुआ की उड़ान में बैठे थे। दुबई से मध्य अमेरिकी देश निकारागुआ जा रहे विमान में 303 यात्री सवार थे। इस विमान को मानव तस्करी की आशंका में फ्रांस के हवाईअड्डे पर उतारा गया था। इसके बाद सभी से वहां की पुलिस ने पूछताछ की थी। 3 दिनों बाद विमान को वापस मुंबई जाने की अनुमति दी गई थी। हालांकि जब विमान मुंबई रवाना किए जाने की बात हुई तो इनमें से 50 यात्रियों ने फ्रांस में ही ठहरने की अनुमति मांगी। इससे फ्रांस सरकार भी असमंजस में आ गई। यात्रियों के आवेदन पर फिलहाल वहां की सरकार विचार कर रही है। हालांकि उन्हें मुंबई गंतव्य की ओर रवाना कर दिया गया था।

बिनोद/संजीव

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