फ्रांसीसी कंपनी ने पांच और राफेल भारत को सौंपे
– अब भारतीय वायुसेना तय करेगी पांचों राफेल को भारत लाने का कार्यक्रम
– ‘मेक इन इंडिया’ के तहत फ्रांस रक्षा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए प्रतिबद्ध
सुनीत निगम
नई दिल्ली (हि.स.)। फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने पांच फाइटर जेट राफेल का दूसरा जत्था भारत को सौंप दिया है। अभी वे फ्रांस में हैं और यह भारतीय वायुसेना पर निर्भर है कि उन्हें भारत कब लाना है। भारतीय वायुसेना के पास राफेल के प्रशिक्षित पायलट हैं, इसलिए वे कभी भी अपनी सुविधानुसार ला सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत फ्रांस रक्षा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत में फ्रांसीसी राजदूत इमैनुएल लेनिन ने बताया कि कोविड-19 महामारी के बावजूद अब तक भारत को 10 राफेल सौंपे जा चुके हैं। पहले जत्थे में पांच विमान 29 जुलाई को भारत आ चुके हैं। दूसरे बैच में भारत को दिए गए पांच राफेल अभी फ्रांस में ही हैं। यह भारतीय वायुसेना पर निर्भर है कि उन्हें भारत कब लाना है। फ्रांस के राजदूत ने कहा कि अब भारत के पास राफेल के प्रशिक्षित पायलट हैं, इसलिए वे कभी भी अपनी सुविधानुसार ला सकते हैं। यानी कि वायुसेना के कार्यक्रम के आधार पर राफेल विमानों का दूसरा जत्था जल्द ही भारत आ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि फ्रांस पिछले कई दशकों से भारत की रक्षा उत्पादन परियोजनाओं का हिस्सा रहा है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने संसद के मानसून सत्र के दौरान डिफेंस ऑफसेट पॉलिसी पर संसद में पेश रिपोर्ट में लड़ाकू विमान राफेल बनाने वाली कंपनी पर करार के मुताबिक कावेरी इंजन की तकनीक अभी तक हस्तांतरित न करने पर सवाल उठाया है। रिपोर्ट में कहा गया कि फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल विमानों की डील करते समय ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट में डीआरडीओ को कावेरी इंजन की तकनीक देकर 30 प्रतिशत ऑफसेट पूरा करने की बात तय हुई थी लेकिन अभी तक यह वादा पूरा नहीं किया गया है। इसलिए भारत में फ्रांसीसी राजदूत इमैनुएल लेनिन का यह बयान महत्वपूर्ण है कि भारत के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत फ्रांस रक्षा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत के साथ रणनीतिक भागीदारी के लिए फ्रांसीसी प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए लेनिन ने कहा कि कोविड-19 की स्थिति के बावजूद भारत को राफेल विमानों की आपूर्ति करने में देरी नहीं की गई और इसी तरह 2022 तक सभी 36 विमान भारत को सौंप दिए जायेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के साथ यह सिर्फ रक्षा साझेदारी नहीं है बल्कि इंडो-फ्रेंच इंडो-पैसिफिक साझेदारी नए आयामों को प्राप्त कर रही है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया से जुड़ी एक नई त्रिपक्षीय वार्ता भी शामिल है।