फैजाबाद में सपा के वोटों की फसल काट रही हंसिया बाली
अयोध्या(हि.स.)। फैजाबाद लोकसभा में समाजवादी पार्टी के वोटों की पकी पकाई फसल हंसिया बाली काट रही है। इससे सपा-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है। फैजाबाद लोकसभा भाजपा का अभेद दुर्ग माना जाता है। फैजाबाद लोकसभा से भाजपा के लल्लू सिंह तीसरी बार हैट्रिक लगाने की जुगत में हैं।
सपा कांग्रेस के वोटबैंक व जातिगत समीकरण के लिहाज से सपा उम्मीदवार अवधेश प्रसाद भाजपा को तगड़ी चुनौती दे रहे हैं। अवधेश प्रसाद को सबसे बड़ी चुनौती खुद उनकी ही पार्टी सपा के वफादार सेन परिवार से मिल रही है। मित्रसेन यादव फैजाबाद से तीन बार सांसद रहे। इस बार उनके बेटे पूर्व मंत्री आनन्द सेन यादव को सपा ने टिकट नहीं दिया। मित्रसेन यादव के बड़े बेटे अरविन्द सेन यादव इस बार कम्युनिस्ट पार्टी से चुनाव मैदान में हैं। उनके पिता मित्रसेन यादव जरूर कम्युनिस्ट पार्टी से यहां से एक बार सांसद रहे लेकिन वर्तमान में जिले में कम्युनिस्ट पार्टी का कोई जनाधार नहीं है। फिर भी अपने पिता के नाम पर यादव वोटों में सेंधमारी कर सकते हैं। जितना अधिक यादवों का वोट अरविन्द सेन पाते हैं, उतना ही अधिक नुकसान व समाजवादी पार्टी को पहुंचायेंगे।
अखिलेश यादव की रैली में भी शामिल नहीं हुए आनन्द सेन
अयोध्या जिले में सपा उम्मीदवार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दो रैलियां कीं। लेकिन सपा नेता व पूर्व मंत्री आनन्द सेन यादव ने अखिलेश यादव के साथ मंच साझा नहीं किया। स्व. मित्रसेन यादव और सपा नेता अवधेश प्रसाद के बीच कभी रिश्ते मधुर नहीं रहे। रही सही कसर मिल्कीपुर क्षेत्र सुरक्षित होने के बाद पूरी हो गयी जब अवधेश प्रसाद को मिल्कीपुर से टिकट देकर विधानसभा पहुंचाया गया। इस लोकसभा चुनाव में आनन्द सेन यादव व अवधेश प्रसाद में तल्खी बढ़ गयी है। क्योंकि आनन्द सेन यादव कहीं भी सपा के लिए वह वोट मांगने नहीं गये।
सेन परिवार ने निकाली पीडीए की हवा
सपा ने पिछड़ा दलित व अल्पसंख्यक (पीडीए) के तहत सामान्य सीट पर अनुसूचित समाज के अवधेश प्रसाद को फैजाबाद से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया। सपा के इस कदम से पूर्व मंत्री आनन्द सेन यादव बेहद नाराज हैं। उनके बड़े भाई भाकपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ रहे हैं। सेन परिवार का फैजाबाद की राजनीति में प्रभाव भी है। ऐसे में फैजाबाद लोकसभा में सेन परिवार ने सपा के पीडीए की हवा निकाल दी है। अगर अरविन्द सेन चुनाव मैदान में नहीं होते तो सपा के अवधेश प्रसाद भाजपा के लल्लू सिंह को तगड़ी चुनौती दे सकते थे। अरविन्द सेन के चुनाव मैदान में आने से भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह को वाकओवर मिलता दिख रहा है।
रालोद के जिलाध्यक्ष बलराम यादव का कहना है कि फैजाबाद में सपा व भाजपा में कड़ा मुकाबला है। भाकपा के अरविन्द सेन यादव ज्यादा वोट नहीं काट पायेंगे लेकिन जितना वोट वह काटेंगे, सपा का ही नुकसान करेंगे।
बृजनन्दन/दिलीप