फर्जीवड़ा का खुलासा : कानपुर में प्राइवेट लोगों से काम कराते पुलिस विभाग के 11 फॉलोवर पकड़े गए
– जांच में फॉलोवरों के खेल का हुआ पर्दाफाश, मुंशी की भी मिली भूमिका
कानपुर (हि.स.)। ”कहते हैं चिराग तले अंधेरा होता है,” जिसे कानपुर पुलिस ने चरितार्थ कर दिखाया है। यहां हैरान कर देने वाला फॉलोवर्स घोटाला सामने आया है। यहां पुलिस लाइन के 11 फॉलोवरों ने अपनी जगह दूसरों को तैनात कर रखा था। यह फॉलोवर सरकारी तनख्वाह लेते रहे और वह अपनी जगह पर किसी और से काम लेते रहे। इसके लिए वह उन्हें रकम भी अदा कर रहे थे।
हैरत की बात यह है कि सालों से पुलिस लाइन में यह फर्जीवाड़ा चल रहा था और जिम्मेदार अपनी आंखे मूंदे बैठे हुए थे। ट्विटर पर की गयी शिकायत के बाद महकमा जागा और आनन-फानन में इन पर कार्रवाई की गयी।
इस मामले में पुलिस अधीक्षक पश्चिम डॉ. अनिल कुमार ने बुधवार को बताया कि प्रकरण की जांच क्षेत्राधिकारी पुलिस लाइन से कराई गई थी। जांच में खुलासा होने के बाद जो आरोपी पाए गए हैं उन सभी को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। साथ ही मुंशी को हटाकर पनकी थाने भेजा गया है।
एसपी पश्चिम ने बताया कि पुलिस विभाग में अफसरों के दफ्तर और घरों पर फॉलोवरों की तैनाती की जाती है। पुलिस लाइन में भी इनकी ड्यूटी लगती है। खाना बनाना, साफ-सफाई समेत रोजमर्रा के सारे काम यही देखते हैं। पुलिस लाइन में तैनात 11 फॉलोवरों ने अपनी-अपनी जगह पर एक-एक बाहरी शख्स को नौकरी पर रख लिया और अपने काम इन्हीं से कराते रहे। खुद कोई ठेकेदारी करता रहा तो कोई आराम फरमाता रहा, ऐसे कर्मियों पर नियमत: कार्यवाही अमल में लाई जा रही है।
आपको बता दें कि, पुलिस लाइन में तैनात 11 फॉलोवरों ने बड़ा फर्जीवाड़ा किया है। अपनी जगह पर बाहरी लोगों से काम करवाते रहे और वेतन खुद उठाते रहे। जिन बाहरी लोगों से यह काम करवा रहे थे उनको चार से सात हजार रुपये महीना देते थे। यह सारा खेल फॉलोवर मुंशी की मिलीभगत से चल रहा था। जिनके खिलाफ कार्यवाही की जा रही है।