प्रवासी श्रमिक मनरेगा से जैसे-तैसे पेट पाल रहे, उचित अवसर दे सरकार:मायावती
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने कोरोना संक्रमण काल में प्रवासी श्रमिकों की बेरोजगारी का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार में घर लौटे प्रवासी कामगार जैसे तैसे मनरेगा के जरिए अपना पेट पाल रहे हैं। ऐसे में उन्होंने इन श्रमिकों को उचित अवसर प्रदान करने की मांग की है।
मायावती ने रविवार को ट्वीट किया कि आंकड़े फिर गवाह हैं कि देश के करोड़ों श्रमिक संघषशील जीवन व मेहनत की रोटी खाने की परम्परा पर लगातार डटे हैं व खासकर उत्तर प्रदेश व बिहार में घर लौटे प्रवासी श्रमिक मनरेगा के तहत श्रम करके परिवार का पेट जैसे-तैसे पाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अतः केन्द्र व राज्य सरकारें उन्हें उचित अवसर जरूर प्रदान करें।
वहीं प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश अवस्थी के मुताबिक 11 सितम्बर को मनरेगा के अन्तर्गत प्रदेश की 53,592 ग्राम पंचायतों में 18.22 लाख मनरेगा श्रमिकों को रोजगार दिया गया। मनरेगा श्रमिकों के लिए 22.72 करोड़ मानव दिवस का सृजन किया गया एवं 4681.97 करोड़ रुपये मानदेय का भुगतान किया गया, जो देश के अन्य राज्यों में कार्यरत मनरेगा श्रमिकों की संख्या एवं किये गये भुगतान की तुलना उत्तर प्रदेश प्रथम है।
प्रदेश सरकार के मुताबिक गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अन्तर्गत 11 सितम्बर तक 5.90 करोड़ मानव दिवस सृजित कर लिये गये हैं, 1785.08 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय एवं कार्यपूर्णता के लक्ष्य 1,93,420 कार्यों के सापेक्ष 1,78,873 कार्य पूर्ण हो चुके हैं।