प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पूरा होगा एक देश-एक बाजार का सपना : गिरिराज सिंह
बेगूसराय (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसानों को लुभाने वाली घोषणा करने के बदले कृषि क्षेत्र को समृद्ध और किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। भाजपा सरकार अपने पहले ही कार्यकाल से किसानों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध है। यह बातें बेगूसराय के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने रविवार को कही है। उन्होंने कहा कि 70 साल बाद देश के अन्नदाताओं को बिचौलियों के चंगुल से मुक्ति दिलाने के साथ उनके उपज को इच्छा अनुसार मूल्य पर कहीं भी बेचने की आजादी के लिए केंद्र सरकार द्वारा कृषि विधेयक लागू किया जा रहा है। गिरिराज सिंह ने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण कृषि क्षेत्र में आमूलचूक परिवर्तन आएगा। खेती-किसानी में निजी निवेश होने से विकास की गति तेज होगी। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, कृषि क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मजबूत होने से देश की आर्थिक स्थिति और सुदृढ़ होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किसानों का एक देश-एक बाजार का सपना पूरा होगा। पहले की सरकारों में किसानों का बाजार स्थानीय मंडी तक सीमित था, खरीदार सीमित थे, मूल्यों में पारदर्शिता नहीं थी। नीलामी में देरी और स्थानीय माफियाओं की मार झेलनी पड़ती थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने इससे पहले पीएम किसान सम्मान निधि से 10.62 करोड़, सॉइल हेल्थ कार्ड से 22.41 करोड़, पीएम फसल बीमा योजना से 7.93 करोड़ और ई-नाम में 1.67 करोड़ किसान रजिस्टर कर लाभान्वित हुए लेकिन विपक्ष किसानों को भ्रमित कर रहा है, वह भ्रम फैला रहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीद बंद हो जाएगी। किसान कृषि उत्पाद पंजीकृत बाजार समितियों से बाहर बेचेंगे तो मंडी समाप्त हो जाएगी। अनुबंधित कृषि समझौते में किसानों का पक्ष कमजोर होगा और वे कीमतों का निर्धारण नहीं कर पाएंगे।
जबकि हकीकत यह है कि एमएसपी पर पहले की तरह खरीद जारी थी, जारी है और जारी रहेगी। मंडी का समाप्त नहीं होंगी, वहां पूर्व की तरह व्यापार होता रहेगा, किसानों को मंडी के साथ ही अन्य स्थानों पर अपनी उपज बेचने का विकल्प प्राप्त होगा। किसानों को अनुबंध में पूर्ण स्वतंत्रता रहेगी और वह अपनी इच्छा अनुसार दाम तय कर उपज बेच सकेंगे।
देश में दस हजार उत्पादक समूह (एफपीओ) निर्मित किए जा रहे हैं। यह विधेयक देश के किसी भी स्थान पर किसानों को अपनी उपज निर्बाध रूप से बेचने का अवसर और व्यवस्था प्रदान करेगा। बाजार में प्रतिस्पर्धा होगी तो किसानों को अपनी मेहनत के अच्छे दाम मिलेंगे।