प्रतापगढ़ में प्रदूषित पानी से मिलेगी निजात, 120 करोड़ रुपये से बिछेगी सीवर लाइन
प्रतापगढ़, 12 अक्टूबर (हि.स.)। प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय पर शहर में नगर पालिका का सीमा विस्तार होने के साथ ही गंदे पानी को ट्रीटमेंट प्लांट में गिराने के लिए करीब 120 करोड़ की लागत से हर घर को सीवर लाइन से जोड़ा जाएगा। इससे शहर में गंदे पानी की निकासी की समस्या दूर होगी।
2011 की जनगणना के अनुसार 25 वार्डों में बसे शहर की आबादी 76750 थी। शहर के विस्तार की चर्चा-परिचर्चा पिछले कई वर्षों से चल रही थी। कई बार प्रस्ताव बोर्ड की बैठक में पास नहीं हो सका तो कई बार खामियों के कारण शासन ने प्रस्ताव लौटा दिया। प्रदेश सरकार ने शहर के विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दिया है। उन्नीस गांव और जुड़ जाने से शहर की आबादी बढ़कर अब एक लाख से अधिक हो जाएगी।
एक लाख से अधिक आबादी होने से शहर को केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना अमृत (अटल मिशन फॉर रेजुवनेशन एंड अर्बन ट्रांसफार्मेशन) का लाभ मिलेगा। इस योजना से हर घर को सीवर लाइन से जोड़ा जाएगा और पाइप लाइन बिछाकर स्वच्छ पेयजल मुहैया कराया जाएगा। वैसे हर घर को सीवर लाइन से जोड़ने के लिए पहले चरण में सर्वे का काम पूरा हो चुका है।
अब दूसरे चरण में शहर से जुड़े 19 गांवों (रंजीतपुर चिलबिला, बेल्हा घाट (आंशिक), सोनावां (आंशिक), महुली, रूपापुर, सैया बांध, जोगापुर, देवकली, करनपुर खास, करनपुर करमचंदा, बलीपुर पंडितान, पूरे नरसिंहभान (आंशिक), जिरियामऊ, दहिलामऊ, पूरे ईश्वरनाथ, सगरा, पूरे केशवराय, करौंदी, जहरगों में सर्वे कराया जाएगा। शहर के साथ नए जुड़े 19 गांवों में प्रत्येक घर को सीवर लाइन से जोड़ने में करीब 120 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसी तरह हर घर को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए पाइप लाइन बिछाने और ओवरहेड टैंक बनाने में लगभग 75 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
अधिशाषी अभियंता जलनिगम घनश्याम द्विवेदी ने बताया कि शहर की आबादी अब एक लाख से अधिक हो गई है। इससे शहर को अमृत योजना से बजट मिल सकेगा।